पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का रविवार को निधन हो गया। रघुवंश प्रसाद ने दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली। उनके फेफड़े में संक्रमण था जिसकी वजह उन्हें भर्ती कराया गया था। अचानक हालत खराब होने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह को वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनके निधन पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि यह राजनीति की सबसे बड़ी क्षति है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद की दो दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स लाया गया। एम्स में इलाज हुआ तो पता चला कि उनके फेफड़े में संक्रमण की शिकायत है। डाक्टरों ने बताया कि संक्रमण बढ़ जाने से सांस लेने में परेशानी हो रही है। तबीयत और बिगड़ी तो डाक्टरों ने तत्काल वेंटिलेटर पर डाल दिया। लाइफ सपोर्ट पर जाने के बाद भी रघुवंश प्रसाद की सेहत में कुछ सुधार नहीं हुआ। और रविवार दिन में उनका निधन हो गया।
तीन दिन पहले आरजेडी से दिया था इस्तीफा
तीन दिन पहले ही उन्होंने लालू यादव को पत्र लिखकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से इस्तीफा दे दिया था। रघुवंश प्रसाद सिंह को भेजी गई चिट्ठी में लालू प्रसाद यादव ने लिखा था, ‘प्रिय रघुवंश बाबू, आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है। मुझे वो विश्वास ही नहीं होता। अभी मेरे और मेरे परिवार के साथ ही राजद परिवार भी आपको स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है।’ ‘चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक में मिल बैठकर विचार किया है। आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठ के बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं। समझ लीजिए। आपका, लालू प्रसाद।’
लालू यादव का संकटमोचक कहे जाते रघुवंश :
रघुवंश प्रसाद सिंह साल 1977 से लगातार सियासत में रहे। वे लालू प्रसाद यादव के करीबी व उनके संकटमोचक माने जाते रहे। पार्टी में उन्हें दूसरा लालू भी माना जाता था। वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे। यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे। विपक्ष में रहते हुए वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को घेरने में सबसे आगे रहे।
लालू ने जताया दुख
रघुवंश प्रसाद सिंह ने निधन पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गहरा दुख जताया है। लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर लिया ‘प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं. दुःखी हूं. बहुत याद आएंगे’।