मेरठ में एनसीईआरटी की 35 करोड़ से ज्यादा की किताबों के फर्जी प्रकाशन का भंडाफोड़ होने पर भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता पर गाज गिर गई। भाजपा के महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने प्रिंटिंग प्रेस और गोदाम के मालिक संजीव गुप्ता को पार्टी के तमाम दायित्व और पदों से निलंबित कर दिया है। इसके बाद पार्टी में घमासान मच गया है। अब एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता एनसीईआरटी की किताबों के फर्जी प्रकाशन में बुरी तरह फंस गए हैं। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल के करीबी संजीव गुप्ता के कारण पार्टी की हुई बदनामी के चलते महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल ने शनिवार को उन्हें पार्टी से निलंबित करने का आदेश पारित किया है।
इस आदेश के बाद अब पार्टी की अंदरूनी राजनीति भी गहरा गई है। क्योंकि वर्तमान में कई पदाधिकारी ऐसे हैं जिन पर तमाम गलत काम करने और उन्हें संरक्षण देने के आरोप हैं। इनमें कुछ पदाधिकारी तो प्रांतीय नेतृत्व के भी करीबी बताए जा रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार महानगर कार्यकारिणी में कई पदाधिकारी ऐसे चुने गए हैं जो ठेकेदारी करते हैं। जबकि पार्टी नेतृत्व ऐसे किसी भी व्यक्ति को संगठन का दायित्व न देने का निर्देश दे चुका है। लेकिन प्रांतीय नेतृत्व के एक शीर्ष अधिकारी के आशीर्वाद के चलते यह नेता महानगर के प्रमुख पद पर न केवल आसीन है, बल्कि निगम की ठेकेदारी में नाम बदलकर पूरी तरह सक्रिय है और एमसीएक्स जैसे कारोबार से जुड़ा है।
एक और विधायक का नाम चर्चा में
पार्टी सूत्रों के अनुसार नकली किताबों के कारोबार में भाजपा के कैंट विधायक के बाद एक और विधायक का नाम चर्चा में सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि यह विधायक भी इस कारोबार को संरक्षण देता था। बताया यहां तक जा रहा है कि लेनदेन को लेकर बात बिगड़ने पर यह छापा कार्रवाई हुई। ऐसे में इस विधायक को लेकर भी घमासान शुरू हो गया है।
करोड़ों रुपये की नकली किताबों के मामले में परतापुर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ गए हैं। मौके से कामगारों को तो पुलिस ने पकड़ा, जबकि मुख्य आरोपी सचिन गुप्ता को भाजपाइयों के साथ भगा दिया। छापे के दौरान सचिन भाजपा के जनप्रतिनिधि के बेटे के साथ फैक्टरी में मौजूद था।
एनसीईआरटी की नकली किताबों का भंडाफोड़ एसटीएफ ने किया है। शुक्रवार को छापे के दौरान मुख्य आरोपी सचिन गुप्ता भाजपा के नेताओं के साथ मोहकमपुर स्थित अपनी फैक्टरी में मौजूद था। इस दौरान सचिन गुप्ता को पुलिस ने मौके से जानबूझकर भगाया। सवाल है कि आखिर पुलिस ने ऐसा क्यों किया।
बताया यह भी जा रहा है कि सचिन गुप्ता के भागने की जानकारी के बाद एसटीएफ ने उसकी घेराबंदी के लिए तमाम प्रयास भी किए। लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। पुलिस का कहना कि सचिन गुप्ता गाड़ी में मौजूद था। उसको पुलिस पहचान नहीं पाई। जब तक उसके बारे में पता चला, वह निकल चुका था। वहीं, अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं कि छापे के दौरान सचिनया कोई भाजपा नेता वहां मौजूद था। छापे के दौरान वहां कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
ये हुआ बरामद
890439 कूटरचित विभिन्न कक्षाओं/ विषयों की पुस्तकें
9 कंप्यूटर, सीपीयू, 123 बिल बुक, 44 नई बिलबुक, अन्य दस्तावेज
मौके से गिरफ्तार दिखाए आरोपी
1. शिवम पुत्र कालीचरण निवासी माता का बाग ब्रह्मपुरी
2. राहुल पुत्र सूरजमल निवासी नई गोविंदपुरी कंकरखेड़ा
3. आकाश पुत्र राजकुमार निवासी इंद्रानगर ब्रह्मपुरी
4. सुनील कुमार पुत्र प्रीतम सिंह निवासी एकता नगर कंकरखेड़ा
फरार बताए गए आरोपी
1. संजीव गुप्ता निवासी मोहल्ला भाटवाड़ा दुर्गा मंदिर के पास बुढ़ाना गेट
2. सचिन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता निवासी डी-115 सेक्टर-3 सुशांत सिटी परतापुर
3. विकास त्यागी 4. नफीस
मुकदमे में ये लगीं धाराएं
मुकदमा अपराध संख्या 538/20
धारा 420, 467, 468, 471, 472, 201 आईपीसी, 63 कॉपीराइट अधिनियम 1957