लखनऊ। मौसम में बदलाव से राजधानी में बुखार का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। इससे सरकारी अस्पतालों में मरीजों की कतार बढ़ गई है। जुकाम-बुखार की शिकायत लेकर रोजाना 250 से अधिक मरीज ओपीडी पहुंच रहे हैं। इनमें से कई को भर्ती करने तक की नौबत आ रही है। इसके साथ ही संक्रमण से होने वाले आई फ्लू के मामलों में भी तेजी आई है। सरकारी अस्पतालों में हर दिन करीब 250 नए मरीज आ रहे हैं, जिनमें हर आयुवर्ग के लोग हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आई फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है। सावधानी बरतकर इससे बचा जा सकता है।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आ रहे बुखार की जद में
शहर के सरकारी अस्तपालों में पहुंच रहे बुखार के मरीजों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार वायरल फीवर ठीक होने में करीब हफ्तेभर का समय लग रहा है। मौसम में लगातार बदलाव से अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज भी बढ़े हैं।
बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में 60-80 मरीज बुखार-जुकाम की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इनमें से 20-25 की डेंगू-मलेरिया की भी जांच करवा रहे हैं। हालांकि, डॉक्टर वायरल फीवर मानकर ही इलाज कर रहे हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु के मुताबिक, ओपीडी में बुखार के मरीज बढ़े हैं। इमरजेंसी में इनमें से रोजाना आठ से दस मरीज भर्ती हो रहे हैं। इन रोगियों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं।
सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ओपीडी में बुखार के 50-60 मरीज रोजाना आ रहे हैं। इनमें से पांच से छह की स्थिति ऐसी रहती है कि भर्ती करना पड़ रहा है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय ने बताया कि ओपीडी में बुखार के 70-80 मरीज आ रहे हैं। इसमें से चार से पांच को रोजाना इमरजेंसी में भर्ती किया जा रहा है। बीआरडी महानगर, रानीलक्ष्मीबाई समेत अन्य सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में भी रोजाना 25-30 मरीज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
फीवर हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश
बुखार का प्रकोप बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों, सीएचसी-पीएचसी पर फीवर हेल्पडेस्क बनाने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ के अधीन सीएचसी-पीएचसी पर जांच किट मुहैया कराए जाने का दावा किया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि सभी सीएचसी-पीएचसी पर डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की जांच के लिए किट व जरूरी दवाएं मुहैया कराई गई हैं।
बुखार से बचाव के लिए यह नुस्खा अपनाएं
काली मिर्च, अदरक, तुलसी की पत्ती व पुराना गुड़ का काढ़ा बनाकर नियमित रूप से सुबह-शाम लें तो वायरल से बचाव संभव है। कॉलेज में आयुष काढ़ा भी उपलब्ध है, जो मौसमी बीमारियों से बचाव में काफी कारगर है