नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को आनन-फानन में एक बैठक बुलाई और मई 2020 से सर्वकालिक निचले स्तर पर स्थिर नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर दिया। आरबीआई ने रेपो दरों में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि करते हुए इसे चार फीसदी से 4.40 फीसदी कर दिया। इस झटके से अभी आम आदमी उबरा भी नहीं था, कि आईसीआईसीआई बैंक ने भी कदम से कदम मिलाते हुए लोन महंगा कर दिया।
नई दरें चार मई 2022 से लागू
जी हां, केंद्रीय बैंक की घोषणा के बाद सबसे पहले निजी क्षेत्र के ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी बाहरी बेंचमार्क उधार दर (ईबीएलआर) में बढ़ोतरी की घोषणा की। बैंक ने इसे 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 8.10 फीसदी कर दिया है। नई दरें चार मई 2022 से प्रभावी मानी जाएंगी। दरों में बढ़ोतरी की जानकारी बैंक ने अपनी वेबसाइट पर साझा की है। यहां बता दें कि बाहरी बेंचमार्क उधार दरें रेपो दर जैसे बाहरी बेंचमार्क के आधार पर बैंकों द्वारा निर्धारित उधार दरें हैं, यह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक उधार दे सकते हैं। होम-ऑटो समेत अन्य लोन देते समय बैंक ईबीएलआर और आरएलएलआर पर क्रेडिट जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) जोड़ते हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने बढ़ाई दरें
आईसीआईसीआई के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी अपनी ब्याज दरों को बढ़ाते हुए रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों पर बोझ बढ़ा दिया है। बैंक की ओर से कहा गया कि बड़ौदा रेपो लिंक्ड रेट (बीआरएलएलआर) को बढ़ाकर 6.90 फीसदी कर दिया गया है। बैंक की ओर से इस संबंध में बताया गया किइसमें भारतीय रिजर्व बैंक का रेपो रेट 4.40 और मार्कअप 2.50, एसपीओ .25 फीसदी शामिल है। यहां बता दें कि आरबीआई के चौंकाने वाले फैसले के बाद आईसीआईसीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद और भी बैंकों के इस तरह के कदम उठाने की संभावना है।
एसबीआई में ईबीएलआर 6.65 फीसदी
गौरतलब है कि बुधवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई थी, इसमें समिति के अन्य सभी सदस्य शामिल हुए। बैठक के दौरान बढ़ती महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पैदा हुए भू-राजनैतिक हालातों के प्रभाव पर चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से महंगाई को काबू में करने के रेपो दरों में इजाफे का निर्णय लिया गया और आरबीआई ने इसमें 40 बेसिस प्वाइंट सीआरआर में 50 बीपीएस की वृद्धि कर दी। यहां बता दें कि जिस ईबीएलआर में आईसीआईसीआई ने बढ़ोतरी की है, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की यह दर 6.65 फीसदी है।