नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.75 फीसद की भारी कटौती का ऐलान किया है। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) की बैठक 25 से 27 मार्च को हुई जिसमें रेपो रेट 0.75 फीसद घटाने का निर्णय किया गया। अब Repo Rate 4.40 फीसद हो गया है। इससे पहले Repo Rate 5.15 फीसद पर था। इसके अलावा Reverse Repo Rate में 0.90 फीसद की कटौती की गई है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट घटकर चार फीसद पर आ गया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि Reverse Repo Rate में इसलिए कटौती की गई है ताकि बैंक केंद्रीय बैंक के पास पैसे जमा करने की बजाय लोन देने में लचीला रुख दिखाए।
RBI ने कोरोनावायरस की वजह से पैदा हुई असाधारण परिस्थितियों में रेपो रेट में भारी कटौती का ऐलान किया है। रेपो रेट में कटौती से होम लोन और कार लोन की EMI में भारी कमी आएगी। आपकी जेब पर पड़ने वाला बोझ घट जाएगा।
RBI ने सभी बैंकों के लिए अनिवार्य Cash Reserve Ratio (CRR) को चार फीसद से घटाकर तीन फीसद करने का निर्णय किया है। बैंकों के पास अधिक नकदी सुनिश्चित करने के लक्ष्य के साथ यह निर्णय किया गया है। यह फैसला 28 मार्च से शुरू हो रहे पखवाड़े से लागू होगा। केंद्रीय बैंक ने बैंकों को CRR सीमा में एक साल के लिए राहत देने का ऐलान किया है।
आरबीआई गवर्नर ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से दुनियाभर के बड़े हिस्सा के मंदी की चपेट में पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है। दास ने कहा कि हम असाधारण परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं और कोरोनावायरस को रोकने के लिए युद्ध स्तर के प्रयास किए जाने की जरूरत है।
आइए जानते हैं RBI गवर्नर ने और कौन-कौन से उपायों की घोषणा कीः
- आरबीआइ ने कोरोनावायरस से पैदा हुई इन परिस्थितियों में सिस्टम में नकदी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई तरह के उपायों की घोषणा की है।
- अनिश्चित माहौल में आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति ने आगामी वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर एवं महंगाई दर से जुड़ा कोई अनुमान जाहिर नहीं किया है।
- RBI गवर्नर ने कहा कि रिकॉर्ड अनाज की पैदावर की वजह से खाने-पीने के सामान की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
- उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्लोडाउन का भारत पर विपरीत असर देखने को मिल सकता है; कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए अच्छी चीज है।
- दास ने कहा कि वित्तीय बाजार दबाव में है और बाजार में स्थिरता और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को पटरी पर लाने के लिए केंद्रीय बैंक के उपायों की जरूरत है।
- आरबीआइ गवर्नर ने कहा कि बाजार में नकदी डालने के लिए केंद्रीय बैंक एक लाख करोड़ रुपये का रेपो ऑपरेशन करेगा।
- दास ने कहा कि आज घोषित उपायों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी डाली जाएगी।
- गवर्नर ने कहा कि आरबीआइ कर्ज देने वाली सभी संस्थाओं को टर्म लोन के किस्त के भुगतान पर तीन माह के मोराटोरियम की अनुमति दे रहा है।
- दास ने कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली सुरक्षित है; निजी बैंकों में जमा राशि सुरक्षित है, लोगों को आनन-फानन में आकर रुपये निकालने की जरूरत नहीं है।