वाराणसी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे और राजद के नेता तेज प्रताप यादव की कार गुरुवार की सुबह वाराणसी में दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी होने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की कार गुरुवार को वाराणसी में राेहनिया के करनाडाडी क्षेत्र से गुजर रही थी कि कार रोहनिया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे की जानकारी होने के बाद पुलिस सक्रिय होकर मौके पर पहुंच गई। हादसे की जानकारी होने के बाद तेज प्रताप यादव ने कार में जा रहे लोगों से पल-पल की जानकारी भी ली। वहीं, दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कार स्टार्ट न होने और आगे न जा पाने की स्थिति होने की वजह से मौके पर ही सड़क के किनारे खड़ी कर दी गई।
दरअसल इन दिनों तेज प्रताप यादव वृंदावन में हैं और उनको लेने के लिए बिहार से होकर रोहनिया के रास्ते उनकी बीएमडब्ल्यू कार गुजर रही थी कि सुबह करीब 6:30 बजे ऑटो में पीछे से उसने टक्कर मार दी। पुलिस के अनुसार, तेज प्रताप की कार में उनके पीए सृजन स्वराज और ड्राइवर जयापाल ही मौजूद थे। हादसे के बाद कार सड़क पर ही खड़ी हो गई। वहीं, कार के साथ ही स्कॉर्ट के अलावा दो अन्य गाडियां भी चल रही थीं जिनको तेज प्रताप यादव को लेने वृंदावन जाना था।
हादसे के बाद तेज प्रताप के चालक ने ऑटो चालक से 180000 रुपये हर्जाना मांगा तो ऑटो चालक ने असमर्थता जता दी। इसके बाद तेज प्रताप यादव के चालक ने ऑटो ड्राइवर को मारकर साथ में चल रही स्कॉर्ट की गाड़ी में बैठा लिया। बीच सड़क पर वीआइपी गाड़ी के चालक द्वारा मारपीट की जानकारी होने के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ लग गई तो सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई। वहीं, तेज प्रताप ने फोन पर अपने पीए को पुलिस थाने जाने से मना कर दिया। हालांकि, मौके पर समझौता नहीं होने पर दोनों ही पक्षों को पुलिस रोहनिया थाने लेकर पहुंच गई और आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है। चूंकि मामला वीआइपी व्यक्ति के वाहन से जुड़ा
हुआ है लिहाजा पुलिस ने भी शीर्ष अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत करा दिया है।
हालांकि, बाद में वाराणसी पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रकरण के संबंध में प्रभारी निरीक्षक रोहनिया के हवाले से बताया कि दोनों पक्षों द्वारा थाने पर आकर सुलह समझौता कर लिया गया है। वहीं, लिखित रूप में दिया गया कि वो कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं, इसके बाद विवाद का आखिरकार पटाक्षेप हो गया और दूसरे अन्य साधन से बिहार से आया सुरक्षा दस्ता तेज प्रताप को लाने के लिए वृंदावन की ओर रवाना हो गया।