मॉस्को। दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच रूस की कोरोना वैक्सीन पर दुनियाभर के लोगों की नजर है। इस बीच, रूसी वैक्सीन को लेकर एक और बड़ी ख़बर आ रही है। जानकारी के मुताबिक, रूस की कोरोना वैक्सीन का तीसरा और आखिरी टेस्ट शुरू होने जा रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस के द्वारा बनाई गई दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी(Sputnik V) का तीसरे और आखिरी चरण का ट्रायल अगले 7 से 10 दिनों में शुरू हो सकता है।
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति ने बीते हफ्ते दुनिया की कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर कराया था। अब रूस ने अपनी वैक्सीन के तीसरे और आखिरी चरण के ट्रायल के बगैर इसकी घोषणा कर दी थी। न्यूज़ एजेंसी टास(TASS) के अनुसार, रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी(Gamaleya Scientific Research Institute of Epidemiology and Microbiology) द्वारा बनाए गए टीके के इस आखिरी टेस्ट में कई हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
दुनिया के कुछ वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर आशंका जताई है। उनका कहना है कि बिना समुचित परीक्षण के ही वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। उन्हें डर है कि वैक्सीन विकसित करने की दौड़ में रूस को दुनिया में आगे रखने के चक्कर में मानकों से समझौता किया गया है। आमतौर पर किसी भी वैक्सीन का परीक्षण तीन चरणों में पूरा होता है। तीसरे यानी आखिरी चरण में हजारों लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाता है। लेकिन रूस ने दो चरण के परीक्षण के बाद ही वैक्सीन उत्पादन की मंजूरी दे दी है। तीसरे चरण का परीक्षण अभी किया जाना है। इस लिहाज से रूस की कोरोना वैक्सीन पर सवाल उठना सही है।
हालांकि, इस वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर व्यक्त की जा रही चिंताओं को रूस पहले ही खारिज कर चुका है। वैक्सीन विकसित करने की घोषणा करने के साथ ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे पुरी तरह से सुरक्षित बताया था। पुतिन ने यह भी कहा था कि परीक्षण के दौरान उनकी एक बेटी को भी यह टीका लगाया गया था।
रूस ने कहा है कि वह इस महीन के आखिर तक वैक्सीन का उत्पादन शुरू भी कर देगा। रूस ने इस वैक्सीन को स्पुतनिक वी(Sputnik V) नाम दिया है, जो दुनिया के पहले उपग्रह के नाम पर आधारित है। स्पुतनिक उपग्रह को रूस ने लांच किया था।