नई दिल्ली। पूरे देश में लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को एक बार फिर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन और उससे उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं। पीएम मोदी ने बैठक में कहा है कि केंद्र और राज्यों द्वारा किए जा रहे सामूहिक प्रयासों का असर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है और हमें इसका फायदा मिल रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया में लॉकडाउन सबसे ज़्यादा कारगर रहा है और भारत दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के साथ चर्चा में सुझाव दिए। बैठक में शामिल होने वाले मुख्यमंत्रियों में अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), पिनराई विजयन (केरल), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र), ईके पलानीस्वामी (तमिलनाडु), कोनराड संगमा (मेघालय) त्रिवेंद्र सिंह रावत (उत्तराखंड) और आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) शामिल थे। बैठक में प्रधानमंत्री सफेद और हरे रंग के बॉर्डर वाले गमछे से अपना मुंह ढंके हुए दिखे। 22 मार्च को देश में लागू लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चौथी बार सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बात की।
दो राज्यों (हिमाचल प्रदेश और मेघालय) को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के पक्ष में हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना वायरस के मामले नियंत्रण में रहें। बैठक में कई राज्यों ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के पक्ष में अपना समर्थन दिया है। जिसपर मंथन चल रहा है।
मेघालय, मिजोरम, पुड्डुचेरी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, गुजरात और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को बैठक में बोलने का मौका मिला।
वहीं अन्य मुख्यमंत्रियों से अपने सुझाव लिखित में देने के लिए कहा गया है। मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि राज्य तीन मई के बाद लॉकडाउन को जारी रखना चाहता है। जिसमें अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
वहीं बताते चलें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हो रही बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि केरल ने अपने सुझाव लिखित रूप में दिए हैं। बैठक में केरल के मुख्य सचिव भाग ले रहे हैं।
मीटिंग में पीएम मोदी 3 मई को समाप्त होने वाले लॉक डाउन 2.0 के बाद के एक्जिट रूट के बारे में बात कर रहे हैं। पीएमओ सूत्रों के अनुसार अधिकतर राज्य 3 मई के बाद भी बंदिशें जारी रखना चाहते हैं लेकिन इनके बीच कई मोर्चे पर छूट भी चाहते हैं। वहीं, कांग्रेस शासित राज्य मीटिंग में यह प्रस्ताव रखेंगे कि अब आगे से लॉकडाउन की रणनीति को राज्यों के जिम्मे छोड़ दिया जाना चाहिए और वे अपनी जरूरतों के हिसाब से लागू करें।