लखनऊ। लखनऊ में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नही ले रहा है। पिछले 24 घंटे में के लगभग 400 नए मामले सामने आए है। सचिवालय में भी कोरोना संक्रमण ने तेजी से पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। 100 प्रतिशत अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति ने इस स्तिथि को और भयावह कर दिया। वहीं सचिवालय प्रशासन विभाग रोस्टर के हिसाब से उपस्थिति की व्यवस्था नहीं करना चाह रहा है। सचिवालय में इस बात को लेकर भयावह की स्तिथि बन गई है।
लाल बहादुर शास्त्री भवन के चिकित्सा अनुभाग 2 के अनुभाग अधिकारी मनोज पांडें, एक समीक्षा अधिकारी सच्चिन नन्द और कप्यूटर सहायक जगदीश यादव कोरोना संक्रमित पाए जाने से सचिवालय में अफरा तफरी का माहौल खड़ा हो गया है। यह सभी लोग लगातार सचिवालय आ रहे थे। इनके संक्रमित होने से सचिवालय में और कितने मामले सामने आएंगे इसका आंकलन तभी हो सकता है जब चिकित्सा विभाग के सभी लोगों का टेस्ट किया जाए। इसी के साथ बाहरी कर्मियों के सचिवालय में प्रवेश पर रोक लगाई जाए। सचिवालय संघ ने संक्रमण को देखते हुए 14 जुलाई को अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन और सचिव मुख्यमंत्री से मिलकर एक अपील के माध्यम से कहा था कि सचिवालय के समूह ख में आने वाले समीक्षा अधिकारियों की उपस्थिति में 50 प्रतिशत का रोस्टर लागू किया जाए। बावजूद इसके सरकारी तंत्र पूरी तरह से सोता रहा।
संक्रमित सचिवालयकर्मियों कोई सरकारी सुविधा नहीं मिली। जिससे बाद वह मजबूरी में अपने अपने वाहन से लोकबंधु अस्पताल में स्वयं भर्ती हुए। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र, उपाध्यक्ष मुदस्सिर हुसेन, सचिव ओंकार नाथ तिवारी व कोषाध्यक्ष गोपी कृष्ण श्रीवास्तव ने कहा कि सचिवालय का सीटिंग अरेंजमेंट ऐसा है कि न तो इसमें कोई सोशल डिस्टेंसिंग रह सकती है और यदि कोई व्यक्ति संक्रमित हो तो उससे कोई दूसरा व्यक्ति संक्रमित होने से बच भी नहीं सकता। सचिवालय के अंदर से लेकर बाहर तक भारी संख्या में भीड़ हर समय बनी रहती है। सरकार की इस घोर लापरवाही से सचिवालय कर्मियों के जीवन पर घोर संकट खड़ा हो गया है। सचिवालय संघ इन मामलों को लेकर कल मुख्य सचिव सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएगा।