नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने एक आदेश में कहा कि निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में इलाज की दरें एक समान नहीं हो सकतीं।
उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार होता है बिल
एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अस्पताल और नर्सिंग होम की दरें रोगों की प्रकृति, प्रकार और इलाज की गुणवत्ता पर निर्भर करती हैं। किसी अस्पताल या नर्सिग होम का बिल उसमें उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार होता है।
दरों में एकरूपता लाने की मांग वाली याचिका खारिज
लीगल फोरम फॉर वूमेन एंपावरमेंट की अध्यक्ष व याचिकाकर्ता पायल बहल ने याचिका दायर कर नर्सिग होम व निजी अस्पतालों की दरों में एकरूपता लाने की मांग की थी। पीठ ने याचिका खारिज कर दी।
बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों पर अक्सर महंगे इलाज के आरोप लगते रहे हैं। कई बार रोगी के परिजन यह कहते मिले हैं कि अस्पताल इलाज करने के बदले काफी पैसे वसूलते हैं। इधर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए मोहल्ला क्लिनिक खोला है जहां बेहतर से बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है। यहां काफी लोग इलाज कराते हैं। इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने कुछ समय पहले ही बताया था दिल्ली में अभी और कई मोहल्ला क्लिनिक खोले जाएंगे।
बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार सड़क दुर्घटना के बाद लोगों को पास के या किसी भी अस्पताल में इलाज कराने का पूरा खर्च उठाती है। इसके लिए सरकार फरिश्ते योजना चला रही है। इसमें कोई भी अस्पताल किसी घायल का इलाज करने से मना नहीं कर सकती है।