गाजियाबाद में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर खुद पर तेल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। घटना से पुलिस में हड़कंप मच गया। पीड़िता का कहना है कि पिछले साल पुलिस ने 3 आरोपियों में से एक को जेल भेजा था। वह भी जमानत पर छूट गया है।
अब तीनों आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर उसके विकलांग भाई और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि थाने से लेकर एसएसपी तक शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते उसके पास आत्महदाह के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। पीड़िता को कविनगर थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।
मसूरी थाना क्षेत्र में रहने वाली युवती का कहना है कि 3 लोगों द्वारा 27 अगस्त 2019 को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने उसे दिल्ली के रूप नगर थाना क्षेत्र में सड़क पर बेहोशी की हालत में मरने के लिए छोड़ दिया था।
इस संबंध में मसूरी पुलिस मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी शफीक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जबकि बाकी दो आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। शफीक भी जमानत पर रिहा हो चुका है। पीड़िता का आरोप है कि तीनों आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
ऐसा न करने पर वह उसके विकलांग भाई की हत्या और परिवार को झूठे केस में जेल भिजवाने की धमकी दे रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि इस संबंध में उसने एसएसपी से भी शिकायत की थी। आरोपियों की धमकी के चलते वह और उसका भाई अलग-अलग स्थानों पर छुपकर अपनी जान बचा रहे हैं।
पीड़िता का कहना कि उसके मां-बाप भी नहीं है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस के चक्कर काट-काट कर थक गई है। पुलिस की लापरवाही से नाराज होकर उसने कलेक्ट्रेट पर आत्मदाह की कोशिश की।