लखनऊ। सपा नेता एवं पूर्व विधायक अजीमुलहक पहलवान का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि सुबह करीब 9: 30 बजे उनके आवास भुलेपुर में निधन हुआ। वह टांडा से वर्ष 2012 में सपा से विधायक चुने गए थे। पहलवान नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के करीबी माने जाते थे।
पूर्व विधायक दिवंगत हाजी अजीमुलहक पहलवान (56 वर्षीय) का जन्म सन् 1964 में टांडा तहसील के भुलेपुर ग्राम में हुआ था। वस्त्र बुनने के साथ पहलवानी भी करते थे। पहलवान के रूप में उनकी एक अच्छी पहचान रही। अपने नाम में अंसारी नहीं लिखते थे। कहते थे पहलवान, खिलाड़ी की जाति नहीं होती। लोकप्रियता के कारण गांव के प्रधान बने। सपा से राजनीतिक सफर शुरू किया। पूर्व मंत्री अहमद हसन के करीब आए। वर्ष 2002 और 2007 में सपा से विधान सभा का चुनाव लड़ें लेकिन सफलता नहीं मिली।
वर्ष 2012 में विधानसभा के चुनाव में सपा ने फिर चुनाव मैदान में उतारा और चुनाव जीत गए। वर्ष 2017 तक विधायक रहे हाजी अजीमुलहक पहलवान की छवि दबंग विधायक के रूप में रही। वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा की संजुदेवी से चुनाव हार गए। इस बीच उनकी सुगर बीमारी बढ़ती गई। इससे कुछ दिन पहले उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। लखनऊ में हुए उपचार से स्वस्थ हो कर गांव लौटे और लॉकडाउन में गरीबों को राशन आदि बांटते रहे।
पूर्व विधायक की मौत की खबर सुनते ही उनके गांव में शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। जिला अध्यक्ष रामशकल यादव, विशाल वर्मा, हीरालाल यादव, राममूर्ति वर्मा, बलिराम, सुभाष राय, भीम प्रसाद सोनकर समेत सभी नेताओं ने गहरा दुख जताते हुए शोक संवेदना व्यक्ति की है।
विधायक अपने पीछे बड़े बेटे मुसाब अजीम व शोएब अजीम को छोड़ गए। अजीमुल हक पहलवान समाजवादी पार्टी से टांडा विधानसभा में प्रमुख चेहरा माने जाते थे। इसी का नतीजा रहा कि अजीमुल हक पहलवान टांडा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चार बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके है। हालांकि उन्हें वर्ष 2012 में ही विजय हासिल हुआ। 5 सालों तक लगातार टांडा विधानसभा ही नहीं अपितु पूरे जनपद में अपना दबदबा कायम रखा।