नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन सेवाओं की आपूर्ति में दिक्कतों को दूर करने के लिए देश भर में सभी टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को निलंबित करने की घोषणा की है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट करके बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए देश के सभी टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन को अस्थायी रूप से निलंबित करने का आदेश दिया गया है। इस आदेश से आपातकालीन सेवाओं की आपूर्ति में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार ने कोरोना लॉक डाउन के कारण राजमार्गों पर सीमित यातायात, टोल कर्मियों के लिए जोखिम और आपातकालीन सेवाओं की आपूर्ति में आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह फैसला लिया है। कोरोना लॉक डाउन के कारण पिछले तीन दिनों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों का यातायात लगभग ठप पड़ गया है और केवल जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करने वाले ट्रक, अनिवार्य सेवाओं से संबंधित सरकारी वाहन तथा एंबुलेंस ही आती-जाती दिखाई पड़ती हैं। यही नहीं पुलिस इक्का-दुक्का प्राइवेट कारों को ही वाजिब कारण बताने पर हाईवे पर जाने की अनुमति दे रही है। ऐसे में बमुश्किल 20 फीसद ट्रैफिक रह गया है तथा दिन ब दिन और घट रहा है।
चूंकि ज्यादातर कमर्शियल वाहन ही अब मूव कर रहे है इसलिए एनएचएआई के टोल संग्रह में 75 फीसद की गिरावट आई है। सूत्रों के अनुसार 22 मार्च को लॉकडाउन से पहले एनएचएआई के टोल प्लाजा पर रोजाना तकरीबन 85 करोड़ रुपये का टोल संग्रह होता था। वहीं रविवार को केवल 33 करोड़ रुपये, सोमवार को 30 करोड़ तथा मंगलवार को देशव्यापी लाक डाउन के पहले करीब 25 करोड़ का टोल एकत्र हुआ। अब संपूर्ण लाक डाउन है। एनएचएआई के एक अधिकारी के अनुसार ज्यादातर लेनें बंद हैं और दोनों ओर एक या दो लेन से काम चलाया जा रहा है।
ऐसे में टोल कर्मचारियों की जरूरत सीमित रह गई है जो कर्मी ड्यूटी कर रहे हैं उनमे, खासकर हाइब्रिड लेन में लगे कर्मियों के संक्रमण का भी खतरा है। टोल कर्मियों के आने जाने की भी दिक्कतें हैं। साथ ही आपातकालीन सेवाओं की आपूर्ति में बाधाएं आ रही हैं। ऐसे में एनएचएआई प्रशासन ने सरकार को सलाह दी थी कि टोल प्लाज़ाओं पर कमाई कम और खर्च ज्यादा की स्थिति पैदा हो उससे पहले ही टोल संग्रह स्थगित कर वाहनों को टोल मुक्त करने पर विचार कर लिया जाना चाहिए।