रियाद। सऊदी अरब में अब कोड़े मारने की सजा पर रोक लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सजा के तरीके पर टिप्पणी की थी। अब यहां कोड़े मारने की सजा को जेल या जुर्माने में बदला गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में दुनिया में सबसे ज्यादा मानवाधिकारों का हनन किया जाता है। शुक्रवार को जारी निर्देश को किंग सलमान और उनके बेटे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ओर से मानवाधिकार सुधारों को विस्तार देने के लिए उठाया गया कदम माना रहा है।
सऊदी अरब, अमेरिका का सहयोगी देश है और यहीं पर इस्लाम की शुरुआत हुई थी। सऊदी में वहाबी सुन्नी मुस्लिम नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है। यहां के कानून कायदों पर मौलवियों का कंट्रोल है।
सऊदी अरब में 2015 में कोड़े की सजा का आखिरी मामला सामने आया था। यहां एक ब्लॉगर रईफ बदावी को पब्लिक के सामने कोड़े मारने की सजा सुनाई गई थी। दरअसल, बदावी पर अपनी वेबसाइट ‘‘सऊदी लिबरल नेटवर्क” पर इस्लाम का अपमान करने, साइबर क्राइम के आरोप थे। जून 2012 में बदावी को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 10 साल कैद और एक हजार कोड़े मारने की सजा दी गई थी। बदावी की सजा की अमेरिका और दुनियाभर के मानवाधिकार संस्थाओं ने निंदा की थी।