लखनऊ । 62 वर्षीय अनंत कुमार को किडनी की परेशानी थी, लेकिन सीरम क्रिएटनिन हमेशा सात से कम रहता था। एक बार जांच में देखा कि सीरम क्रिएटनिन नौ के आसपास पहुंच गया है। कोई परेशानी नहीं लग रही थी फिर भी परेशान हो गए। तुरंत संजय गांधी पीजीआइ के किडनी रोग विशेषज्ञ प्रो. नारायण प्रसाद से मिले। अनंत ने बताया कि जिस डॉक्टर को दिखाया था उसने तो तुरंत डायलिसिस के लिए बोला था। प्रो. नारायण ने उन्हें आश्वस्त किया कि तुरंत डायलिसिस कराने की कोई जरूरत नहीं है।
किडनी रोग विशेषज्ञ प्रो. धर्मेंद्र भदौरिया के मुताबिक इस परेशानी के साथ केवल अनंत ही नहीं, संस्थान के विशेषज्ञों के पास रोज दो से तीन मरीज पहुंचते हैं। इनमें क्रिएटनिन एकदम से सात से ऊपर हो जाता है। ऐसे लोगों की कई बार डायलिसिस तक हो जाती है। प्रो. नारायण प्रसाद कहते हैं कि किडनी की खराबी के मरीजों में कई बार इंफेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या दर्द की दवा सेवन करने के कारण सीरम क्रिएटनिन एकदम से बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को हम होल्ड पर रखते हैं और कारण देखने की कोशिश करते हैं। यदि सीरम क्रिएटनिन सात से अधिक है और पोटैशियम बढ़ा है, रक्त का पीएच 7.3 से अधिक है, सोडियम बाई कार्ब 17 से अधिक है, उल्टी हो रही है या मितली आ रही है, भूख एकदम नहीं लग रही, तो ऐसे मामलों में एक्टिव एक्शन की जरूरत होती है।
क्या है सीरम क्रिएटनिन
क्रिएटनिन एक मेटाबॉलिक पदार्थ है जो भोजन को ऊर्जा में बदलने में सहायक होता है। यह टूटकर एक व्यर्थ पदार्थ ‘क्रिएटिनिनÓ में बदल जाता है जिसे किडनी द्वारा ब्लड में छानकर यूरिन के जरिये शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो ये प्रक्रिया सामान्य रूप से नहीं चल पाती और ऐसा होना किडनी के लिए बुरा संकेत हो सकता है।
कितना होना चाहिए स्तर
- वयस्क पुरुष- 0.6 से 1.2 मिलीग्राम प्रति लीटर प्रति डीएल
- वयस्क महिला- 0.5 से 1.1 मिलीग्राम
- टीन एजर्स – 0.5 से 1.0 मिलीग्राम
- बच्चे- 0.3 से 0.7 मिलीग्राम