कोरोना से बचाव के लिए भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। कई फार्मा कंपनियों टीके के इस्तेमाल की इजाजत के लिए आवेदन किया है। हालांकि अभी तक किसी को मंजूरी नहीं मिली है। इस बीच सीरम और ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका ने उम्मीद जताई है कि अगले साल के शुरू में ही भारतीयों का भी टीकाकरण होने लगेगा।
सीरम के बाद अब ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका अगले साल के शुरू में देश में उपलब्ध हो सकता है। एस्ट्राजेनेका के भारत प्रमुख गगनदीप सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी। फिक्की के 93वें वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि महामारी की वर्तमान स्थिति में टीके को व्यापक स्तर पर तथा समय रहते उपलब्ध कराना होगा।
गगनदीप सिंह ने कहा, “हमने अप्रैल में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ काम करना शुरू किया था और वर्तमान में हम इस टीके के आपातकालीन उपयोग की उम्मीद कर रहे हैं और इसका मतलब है कि 2021 के पूर्वार्ध में यह टीका उपलब्ध हो सकता है।”
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा रि इस माह के अंत तक देश में कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति मिल सकती है। जनवरी से भारत में टीकाकरण अभियान शुरू हो सकता है। अदार पूनावाला ने एक ग्लोबल बिजनेस समिट में कहा कि उम्मीद है कि इस माह के अंत तक एसआईआई को वैक्सीन के आपात इस्तेमाल का लाइसेंस मिल सकता है, लेकिन उसके इस्तेमाल की अनुमति बाद में मिलेगी। उन्हें भरोसा है कि नियामक की मंजूरी मिलते ही जनवरी 2021 से भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। एसआईआई ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रहा है।
पूनावाला ने बताया कि उनकी कंपनी सरकार के साथ-साथ निजी बाजार के लिए कोरोना वैक्सीन की डोज तैयार कर रही है। केंद्र सरकार अगले साल जुलाई तक टीके की 30 से 40 करोड़ खुराक खरीदना चाहती है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की योजना देश की 20 से 30 फीसदी आबादी को कोरोनारोधी टीका देने की है। उन्होंने संभावना जताई कि अगले साल अक्तूबर तक देश की अधिकांश आबादी को कोरोना वैक्सीन का टीका लग जाएगा। तब ही जिंदगी सामान्य होगी।