शाहीनबाग में सीएए के विरोध में धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि सरकार कोरोना वायरस के पीछे दंगों की सच्चाई छिपा रही है। पुलिस ने दंगे के आरोप में सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है। कोरोना वायरस का डर फैलाकर पुलिस अवैध हिरासत को छिपा रही है। सरकार बताए कि पकड़े गए लोग कहां हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह कोरोना वायरस से बचने के लिए खुद ही बंदोबस्त कर लेंगे। धरने पर मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
एनपीआर न लाने का प्रस्ताव
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गृहमंत्री ने बयान दिया है कि एनपीआर में डाउट का कोई डी नहीं लगेगा। मगर हमें यकीन है कि अगर प्रदर्शन के दबाव में यह अभी लागू नहीं होता तो बाद में सरकार इसे लागू कर देगी, इसलिए हम यह चाहते हैं कि सरकार संसद में इसे लागू न करने का प्रस्ताव पारित करे।
लोगों ने कहा कि वर्ष 1955 में देश में एनपीआर आया था। फिर 2003 में उसमें संशोधन किया गया। हम यह चाहते हैं कि यह संशोधन रद्द किया जाए। यह केवल किसी एक धर्म के लिए नहीं है। यह सभी अल्पसंख्यक लोगों के लिए है। इससे देश के सभी अल्पसंख्यक डरे हुए हैं।
शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है। दिल्ली पुलिस पर उन्हें विश्वास नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि दंगों की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में किसी कमेटी या फिर केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाई चाहिए। उन्हें शक है कि पुलिस लोगों पर झूठे केस बनाकर उन्हें फसा रही है। हाल ही में एनपीआर को लेकर गृहमंत्री के बयान पर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार इस बारे में लिखित शपथपत्र उच्चतम न्यायालय में दाखिल करे। वह बयानबाजी के बहकावे में नहीं आने वाले। वह तभी सड़क से हटेंगे जब उनकी मांग मानी जाएंगी। सरकार द्वारा आश्वासन िदए जाने से उनका प्रदर्शन खत्म नहीं होगा।
बेकसूर पकड़े हैं
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि दंगों की जांच में एक धर्म विशेष के लोगों को तंग किया जा रहा है। कुछ बेकसूर लोगों को पकड़कर पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है। पुलिस की जांच केवल कुछ लोगों के ईद-गिर्द ही घूम रही है। पुलिस को चाहिए की मामले में बिना किसी का पक्ष लिए जांच करे और आरोपियों को बेनकाब करे।
देश में शांति की दुआ
प्रदर्शनकारियों को सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन करते 90 दिन हो गए हैं। शुक्रवार को शांतिपूर्वक प्रदर्शन चला। दोपहर जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनस्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में नारे लगाए। प्रदर्शनस्थल के पास नमाज पढ़ी। देश में अमन व शांति की दुआ मांगी।