नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में कई दिनों से चल रहा धरना प्रदर्शन रविवार को और बढ़ गया। यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। इन लोगों की मांग है कि धरना जल्दी से जल्दी खत्म कर सड़क खुलवाई जाए। धरना स्थल से 200 मीटर की दूरी पर लोग डट गए हैं। प्रदर्शनकारियों के सामने प्रदर्शन होने से वहां हल्का तनाव हो गया है। हालांकि पुलिस बलों की संख्या बढ़ाई गई है। कई बसों में भरकर लोगों को पुलिस धरना स्थल से दूर ले जा रही है। डीसीपी चिनमय ने बताया कि किसी भी प्रदर्शन को शाहीन बाग में जहां प्रदर्शन चल रहा है वहां आसपास इजाजत नहीं है। इसके बावजूद कुछ लोग प्रदर्शन कर रह हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।
इससे पहले शाहीन बाग में चल रहे धरने के विरोध में भी शनिवार को स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए थे। वे प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग कर रहे थे। यहां एक हफ्ते से यह धरना चल रहा है। हालांकि शाहीन बाग धरने के विरोध में धरने पर बैठे लोगों को पुलिस बार-बार हटा दे रही है।
शनिवार को भी झारखंड से आए संतन सिंह 30-40 लोगों के साथ धरने पर बैठे थे। धरना स्थल की बैरिके¨डग के पास जसोला रेडलाइट पर धरना देने वालों में स्थानीय लोग भी शामिल थे। यहां गोली चलने की खबर फैलते ही लोगों की संख्या बढ़ गई। धरने में करीब 100 से ज्यादा लोग जुट गए तो पुलिस के भी हाथपांव फूल गए। दोनों पक्षों में कहीं टकराव न हो जाए और कानून-व्यवस्था न बिगड़ जाए, इस आशंका में पुलिस ने इन लोगों को काफी अनुरोध कर यहां से जाने के लिए कहा। पुलिस के काफी समझाने पर लोग माने और शाम सात बजे धरना स्थल से चले गए। एहतियात के तौर पर मौके पर भारी संख्या में पुलिस व सुरक्षाबलों के जवानों को तैनात किया गया है।
धरने पर बैठे लोगों का कहना था कि वे लोग नौकरीपेशा हैं और शाहीन बाग धरने के कारण उन्हें अपने काम पर आने-जाने में परेशानी होती है। ज्यादा किराया व ईंधन के साथ ही अधिक समय भी लगता है। कोई बीमार हो जाए तो मरीज को अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा सकता है। ऐसे में गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। सरिता विहार निवासी पवन पांडेय ने बताया कि वह नोएडा में नौकरी करते हैं। आश्रम होते हुए नोएडा जाने में पांच घंटे लग जाते हैं। इस कारण वह डेढ़ माह से छुट्टी पर हैं। मदनपुर खादर गांव में तो जाम के कारण इतना बुरा हाल है कि लोग अपने घरों से नहीं निकल पा रहे हैं।