उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में कोरोना संक्रमण काल में शिक्षण संस्थाएं धड़ल्ले से खुल रही हैं। शासन के स्कूल बंद रखने के आदेश हैं। आदेशों का उलंघन करके विद्यार्थियों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है। कोरोना का प्रकोप है। मार्च से स्कूल बंद हैं। जिले में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं, परंतु कुछ जगह शासन के स्कूल बंदी के निर्देशों को नजरअंदाज करके स्कूलों में पढ़ाई करा रहे हैं।
मामला नूरपुर ब्लॉक के गांव सेलपुरा बमनौला का है। गांव में एक स्कूल संचालित है। ग्रामीणों की मानें तो स्कूल पांचवी तक मान्यता प्राप्त है। आरोप है कि स्कूल में बिना मान्यता के बारहवीं तक की कक्षाएं चल रही हैं।
करीब 350 छात्र-छात्राएं स्कूल में पढ़ते हैं। छात्रों से मोटी फीस वसूली जाती है। कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं। शासन के ऑनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश हैं, परंतु स्कूल ने शासन के आदेशों को ताक पर रख दिया है
आरोप है कि स्कूल में ग्रीष्मावकाश के बाद से लगातार कक्षाएं चल रही हैं। कोरोना से बचाव की कोई सुविधा नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो रहा है। छात्रों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है।
मंगलवार को पत्रकारों के पहुंचने पर हडकंप मच गया। शिक्षकों ने कक्षा में पढ़ रहे छात्रों को भगा दिया। खुद भी स्कूल से नदारद हो गए। स्कूल संचालक मिट्ठन सिंह शासन के स्कूल बंदी के आदेश के बाद भी स्कूल खोले जाने के बारे में पूछने पर चुप्पी साध गए।