नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। 2015 में नेपाल में नया संविधान लागू किए जाने के बाद से नेपाल-भारत के संबंध काफी उदासीन हो गए थे, लेकिन जुलाई में शेर बहादुर देउबा के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत के साथ संबंधों को मजबूत किए जाने पर जोर दिया जा रहा है।
इस दौरान दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय राजनयिकों की यात्राएं भी हुई हैं। अपनी पार्टी के 14वें महासम्मेलन से एक महीने पहले देउबा नेपाली कांग्रेस (नेकां) के अध्यक्ष के तौर पर अपनी उम्मीदवारी को पुख्ता करने के लिए भारत को अपने पक्ष में रखना चाहते हैं।
अमेरिकी पत्रिका द डिप्लोमैट की रिपोर्ट के मुताबिक 75 वर्षीय देउबा अपनी पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर फिर से चुने जाने के लिए मैदान में हैं, ताकि वे प्रधानमंत्री के पद पर बने रहें। नेपाल में सत्तारूढ़ नेकां ने अगस्त के अंत में भारतीय जनता पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख विजय चौथईवाले को यात्रा के लिए आमंत्रित किया था।
चौथईवाले ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाल में देउबा और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। चौथईवाले 2020 से भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में नेपाल के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं। देउबा के प्रधानमंत्री बनने के बाद चौथईवाले नेपाल पहुंचने वाले पहले उच्च स्तरीय विदेशी मेहमान थे।
चौथईवाले की यात्रा के बाद अक्तूबर की शुरुआत में नेपाली कांग्रेस की एक टीम ने भी भारत का दौरा किया और विदेश मंत्री एस जयशंकर व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत की थी। द डिप्लोमैट की रिपोर्ट के मुताबिक यह यात्रा मोटो तौर पर भाजपा के साथ नेकां के पार्टी-दर-पार्टी संबंधों को बढ़ाने और संगठन निर्माण में भाजपा के अनुभवों से सीखने पर केंद्रित थी।
इसके अलावा नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खाडका संयुक्त राष्ट्र की 76वीं महासभा के दौरान न्यूयॉर्क में भारत के विदेश मंत्री से मिले थे और द्विपक्षीय मसलों पर चर्चा की थी। इसी तरह से सीओपी-26 के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे।
इस दौरान उन्होंने पीएम को नेपाल यात्रा के लिए आमंत्रित किया। वहीं, पीएम मोदी ने भी देउबा को भारत आमंत्रित किया। लंबे समय से यह परंपरा रही है कि नेपाल का नया प्रधानमंत्री अपनी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा के तहत भारत आता है। हालांकि, देउबा ने अभी तक भारत की यात्रा नहीं की है।
रिपोर्ट के मुताबिक लंबे समय तक बातचीत के अभाव ने भारत और नेपाल के रिश्तों संशय पैदा किया था, लेकिन देउबा का दिल्ली और पीएम मोदी का काठमांडू दौरा द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पुख्ता बना सकता है।