शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों के बने पूल का फायदा माध्यमिक विद्यालयों को नहीं मिल रहा है। क्योंकि शासन ने अब तक पूल के शिक्षकों को पढ़ाने की अनुमति नहीं दी है। पिछले साल इस पूल में 87 सेवानिवृत्त शिक्षकों को शामिल किया गया था। उन्हें कई विद्यालयों में तैनात भी कर दिया गया था। इससे विद्यालयों को राहत मिली थी। इस बार पूल के लिए 83 सेवानिवृत्त शिक्षकों ने आवेदन किया।आवेदनों की स्क्रीनिंग हो गई है। उन्हें निदेशालय अनुमोदन के लिए भेजा गया मगर उन्हें संस्तुति नहीं मिली है।वहीं, प्रधानाचार्यों का कहना है कि शिक्षकों की नियमित भर्ती नहीं हो रही है, विकल्प के रूप में सेवानिवृत्त शिक्षकों की तैनाती भी नहीं की गई। इससे स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अन्य शिक्षकों पर बोझ बढ़ा है। जानकारों का कहना है कि पूल में ज्यादातर कला वर्ग के शिक्षक है जबकि स्कूलों को विज्ञान वर्ग के शिक्षकों की अधिक आवश्यकता है। इस विषयों में शिक्षकों की भारी कमी है। एक-एक शिक्षक पर तीन सेक्शन की जिम्मेदारी है। कई विद्यालयों में स्थिति बहुत खराब है। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीपी सिंह का कहना है कि आदेश मिलते ही तैनाती होगी।700 से अधिक पद खाली जिले के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 700 से अधिक पद खाली हैं। इनमें 629 सहायक अध्यापक हैं, जो विभिन्न विषयों को पढ़ाते हैं। ये पद लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं।
स्कूलों में नियुक्ति
– माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने को रिटायर शिक्षकों का है पूल
– पूल में चयनित 83 शिक्षकों का निदेशालय को भेजा गया था नाम