भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। राज्यपाल लालजी टंडन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया।
शाम को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में ये फैसला लिया गया। विधायक दल की बैठक में प्रदेश प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल हुए।
भारतीय जनता पार्टी नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को आज से तेज करना चाहती है। पार्टी नेताओं की मंशा यह है कि राज्यसभा चुनाव के लिए 26 मार्च को होने वाली वोटिंग से पहले सरकार अस्तित्व में आ जाए।
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से छाए सियासी कोहरे के अब छंटने के आसार दिखने लगे थेे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर सहमति बन चुकी है और वह चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे। पार्टी की तैयारी पहले सोमवार को ही विधायक दल की बैठक बुलाने की थी, लेकिन कोरोना वायरस अलर्ट के चलते व्यवस्था संभालने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दो बार शिवराज सिंह चौहान से कोरोना के मुद्दे पर बातचीत की थी। इसमें उन्होंने चौहान को प्रशासन से संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा है। दूसरी वजह सिंधिया के समर्थन के कारण बन रही सरकार को चलाने में समन्वय का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा, इसलिए चौहान के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में भी किसी तरह के ताम-झाम नहीं करने का फैसला पार्टी ने किया है। चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में सादगी से शपथ दिलाई जाएगी। मालूम हो कि सरकार के अल्पमत में आने के बाद 18 मार्च को कमल नाथ ने इस्तीफा दे दिया था