त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर के कपाट श्रद्धालु के लिए खोल दिए गए हैं। माता वैष्णो देवी की यात्रा आज सुबह छह बजे से शुरू हो गई है। यात्रा शुरू होने के पहले दिन श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम है। स्थानीय लोग ही यात्रा में शामिल हुए हैं। सभी की स्कैनिंग की जा रही है। यात्रा में उन्हीं श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति दे जा रही है जिन्होंने ऑनलाइन पंजीकरण करा रखा है। कोरोना के कारण करीब पांच महीने तक यात्रा बंद रही है। यात्रा शुरू होने के पहले दिन जम्मू से माता वैष्णो देवी के धाम पहुंचे लोगों ने कहा कि वह परिजनों के साथ महीने में एक बार माता के दर्शन करने अवश्य आते थे। वहीं यात्रा शुरू होने के पहले दिन यहां आकर स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के कारण यात्रा 18 मार्च से बंद थी। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीकरण ऑनलाइन करवाना होगा। दूसरे प्रदेशों और जम्मू-कश्मीर के रेड जोन जिलों के लोगों को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट भी अपनी साथ रखनी होगी। इसकी जांच भवन को जाने के दौरान हेलीपैड, ड्योढ़ी गेट, बाणगंगा, कटरा में की जा रही है।
श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए मास्क, फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा। भीड़ से बचने के लिए अटका आरती और विशेष पूजा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भक्तों की सुविधा के लिए क्लाक रूम खोला गया है जबकि कंबल स्टोर बंद हैं।
ज्ञात हो कि पुजारियों के संक्रमित मिलने के बाद अब इसकी एसओपी(स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) में बदलाव किया गया है। इसमें पहले सप्ताह प्रतिदिन दो हजार तीर्थयात्री शामिल होंगे। इन यात्रियों में जम्मू-कश्मीर के 1900 और अन्य 100 दूसरे राज्यों के लोग होंगे।
यात्रा के दौरान घोड़ा, पिट्ठू और पालकी को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। 10 से कम और 60 वर्ष के अधिक उम्र के लोगों, गर्भवतियों, बीमारों को यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। सीईओ ने बताया कि तारकोट मार्ग पर मुफ्त लंगर और सांझी छत में प्रसाद केंद्र तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए खोले जाएंगे।