इटावा। आठ दिसंबर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया प्रसपा के प्रमुख और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी सपा का झंडा प्रदान किया। इस घटनाक्रम को सपा में प्रसपा के विलय के स्पष्ट संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव की जीत लगभग तय होने के बाद सैफई पहुंचे अखिलेश ने शिवपाल को सपा का झंडा प्रदान किया। सपा और शिवपाल ने अपने-अपने ट्विटर हैंडल से इस घटनाक्रम की तस्वीर भी साझा की।
शिवपाल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा आज हम एक हो गए। बिल्कुल सही समय पर। अब 2024 में भी हम एक होकर चुनाव लड़ेंगे। आज से समाजवादी पार्टी का झंडा हमारी गाड़ी पर लगेगा। हालांकि, सपा की तरफ से विलय को लेकर फिलहाल कोई बयान नहीं आया है सपा के सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश द्वारा दिए गए झंडे को शिवपाल की गाड़ी पर लगा दिया गया है।
गौरतलब है कि सितंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव के बीच पार्टी और सरकार में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई थी। एक जनवरी 2017 को अखिलेश को सपा का अध्यक्ष बना दिया गया था। उसके बाद शिवपाल पार्टी में हाशिये पर पहुंच गए थे। सपा में ‘सम्मान’ न मिलने का आरोप लगाते हुए शिवपाल ने अगस्त 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया का गठन कर लिया था।
शिवपाल ने वर्ष 2019 में फिरोजाबाद लोकसभा सीट का चुनाव सपा प्रत्याशी अक्षय यादव के खिलाफ लड़ा था। हालांकि, वह जीत नहीं सके थे, लेकिन उन्हें 90 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जिसे सपा प्रत्याशी की हार की बड़ी वजह माना गया था।
शिवपाल ने इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जसवंतनगर सीट से सपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी। मगर उसके बाद अखिलेश से फिर से उनका मनमुटाव शुरू हो गया था हालांकि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल ने गिले-शिकवे भुलाकर अखिलेश की पत्नी और सपा प्रत्याशी डिंपल यादव के पक्ष में जबरदस्त प्रचार किया था। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में आने वाले शिवपाल के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में डिंपल को एक लाख से ज्यादा मतों से बढ़त हासिल हो चुकी है।