कानपुर। कानपुर के बिकरू गांव में सीओ समेत 8 पुलिस वालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में मारा गया। यूपी एसटीएफ की टीम उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही थी, लेकिन शहर से 17 किमी पहले सचेंडी थाना क्षेत्र में सुबह 6:30 बजे काफिले की एक गाड़ी पलट गई। विकास उसी में बैठा था। एसटीएफ ने शाम को प्रेस नोट जारी कर बताया कि मवेशियों के सामने आने से गाड़ी पलटी थी। एसटीएफ के मुताबिक इस दौरान विकास पिस्टल छीनकर भाग निकला। जब उसे पकड़ने की कोशिश की गई तो उसने फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में वह जख्मी हो गया। तीन गोलियां उसकी छाती में और एक बांह में लगी।
विकास को अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर मृत घोषित कर दिया। विकास को गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था। मौत के बाद उसका कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उधर, कानपुर के एलएलआर हॉस्पिटल के डॉक्टर आरबी कमल ने बताया कि जख्मी तीन पुलिसकर्मियों की हालत स्थिर है।
एसटीएफ ने शुक्रवार शाम प्रेस नोट जारी कर बताया कि रास्ते में गाय-भैसों का झुंड सामने आ गया। ड्राइवर ने मवेशियों को बचाने के लिए अचानक गाड़ी मोड़ दी, जिससे वह पलट गई। इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सब इंस्पेक्टर पंकज सिंह, अनूप सिंह और सिपाही सत्यवीर और प्रदीप को चोटें आईं और वे बेहोशी की हालत में पहुंच गए। इस दौरान विकास ने इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीन ली और कच्चे रास्ते पर भागने लगा।
पीछे से दूसरे वाहन से आ रहे एसटीएफ के डीएसपी तेजबहादुर सिंह पलटी गाड़ी के पास पहुंचे तो उन्हें विकास के भागने की खबर मिली। उन्होंने और साथी पुलिसवालों ने उसका पीछा किया तो विकास फायर करने लगा। उसे जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह फायर करता रहा। जवाबी फायर में विकास घायल हो गया। उसे तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया।