भारत के बल्लेबाजी के दिग्गज सुनील गावस्कर का मानना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट के लीजेंड हैं। गावस्कर को यह भी लगता है कि भारत के दो वनडे विश्व कप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कपिल देव के बीच बहुत समानताएं हैं। गावकर की यह टिप्पणी धोनी के इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये इंटरनैशनल क्रिकेट से रिटायमेंट के एक दिन बाद आई है। धोनी के बारे में बात करते हुए गावस्कर ने कहा कि पूर्व भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ने भारत के वर्तमान कप्तान विराट कोहली सहित कई बड़े खिलाड़ियों को अपने अंडर ग्रूम किया।
सुनील गावस्कर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, ”बिल्कुल, इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है कि वह एक लीजेंड है। क्रिकेट में उन्होंने जो हासिल किया है, वह निश्चित रूप से उन्हें एक लीजेंड बनाता है।” उन्होंने कहा, ”जिस तरह से उन्होंने भारत की कप्तानी की है, जिस तरह से उन्होंने युवाओं को तैयार किया है, जिस तरह से उन्होंने सिर्फ लीडर को ही नहीं बल्कि बल्लेबाजों को भी तैयार किया है। उन्होंने अपने अंडर विराट कोहली जैसे खिलाड़ी को तैयार किया है, जिस तरह से उन्होंने स्पिनरों को तैयार किया है। यह निश्चित रूप से उसे एक लीजेंड बनाता है।”
उन्होंने कहा, ”क्योंकि उनका योगदान क्रिकेट फील्ड से परे रहा है। जब भी आप जीवन के किसी भी क्षेत्रों में लीडर के बारे में बात करते हैं, तो उसका नाम हमेशा सामने आएगा। वह उनमें से हैं।” गावस्कर ने आगे कहा कि महेंद्र सिंह धोनी और कपिल देव का खेल के प्रति समान दृष्टिकोण था। उन्होंने कहा, ”दोनों ही धोनी और कपिल बहुत, बहुत समान थे। दोनों का खेल के लिए समान दृष्टिकोण था। उन्हें खेल खेलना पसंद था। दोनों ही एक्शन के सेंटर में रहना पसंद करते थे और वे अपनी टीमों के लिए शानदार चीजें हासिल करना चाहते थे। इस लिहाज से दोनों में बहुत ज्यादा समानता थी।”
सुनील गावस्कर ने कहा, ”इसके अलावा फिर से, दोनों ही ऐसे शहरों से आए, जो क्रिकेट केंद्रित नहीं थे। मुझे लगता है कि यह किस्मत में ही था कि यदि भारत का पहला विश्व कप विजेता कप्तान गैर-क्रिकेट शहर से होगा। इसके बाद अगला विश्व कप विजेता कप्तान भी गैर-क्रिकेट शहर जैसे रांची से रहा। मैदान पर दोनों ही समान हैं, वे बहुत शांत हैं, शायद ही कभी अपनी भावनाओं को दिखाते हैं, जो उनके खिलाड़ियों के लिए आसान बनाता है।”
उन्होंने कहा, ”अगर एक कप्तान कोई कैच छोड़ने या मिसफिल्ड में थोड़ा अधिक चिड़चिड़ा होता है, तो खिलाड़ी और भी अधिक घबरा जाते हैं। यहां कपिल देव और धोनी ने स्कोर किया। वे बहुत अच्छे से अपने इमोशंस को कंट्रोल करते थे, ताकि खिलाड़ियों पर प्रभाव ना पडे़ और वह अपना खेल आजाद होकर खेल सकें।”