बेंगलुरु। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासामन के बीच कांग्रेस चाहती है कि मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट खाली सीटों पर उप-चुनाव के बाद हो। समाचार एजेंसी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट को लेकर दायर याचिका पर पार्टी ने मांग की है कि राज्य विधानसभा में फ्लोर टेस्ट रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए। कांग्रेस विधायकों की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि अगर इस दौरान तक कमलनाथ सरकार रहती है तो आसमान टूट के गिर नहीं जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में तुरंत फ्लोर टेस्ट कराने को लेकर भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने याचिका दायर की है।
दवे ने कहा कि भाजपा ने इस संकट को पैदा किया है। शिवराज सिंह चौहान की ओर मुकुल रोहतगी ने इसपर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि जिस पार्टी ने 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की वो अब संविधान की दुहाई दे रही है। उन्होंने कहा कि 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद, राज्य सरकार को एक दिन भी चलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सत्ता की लोभ के कारण ये तमाम तर्क दिए जा रहे हैं।
इससे पहले बेंगलुरु में मौजूद 22 विधायकों ने कर्नाटक पुलिस के डायरेक्टर जनरल को पत्र लिखकर कहा है कि उनसे मिलने के लिए किसी कांग्रेसी नेता या सदस्य को अनुमति न दी जाए, ताकि उनकी जिंदगी और सुरक्षा खतरे में न पड़े। इसके बाद कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि सुरक्षा देने वाले भाजपा नेता कौन होते हैं। यह काम पुलिस का है। डीजीपी से इस बारे में जानकारी दी गई है। अगर रामदा होटल से भाजपा के लोगों को पुलिस नहीं हटाती है, तो हम वहां जाएंगे और उन्हें हटाएंगे। हम कांग्रेस मुख्यालय जा रहे हैं। वहां इसे लेकर चर्चा होगी और कोई निर्णय लेंगे।
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि दिग्विजय सिंह हमारे राज्यसभा उम्मीदवार हैं। वे वहां विधायकों से मिलने गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षा में खतरा बताया गया। वहां 500 पुलिस जवान तैनात होने के बाद भी खतरा बन गए? इससे पता चलता है कि विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है और भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। बता दें कि आज सुबह दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचने के बाद विधायकों से मिलने रामदा होटल पहुंचे। उनसे मिलने की इजाजत न मिलने के बाद वे धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया। विधायकों ने कहा है कि वे यहां खुद की मर्जी से आए हैं। वे दिग्विजय सिंह या किसी से भी नहीं मिलना चाहते।
फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कांग्रेस विधायकों की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि विधायकों को फिर से चुनाव लड़ना चाहिए। यह सुनने के बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि यही तो वे करना चाहते हैं। वे अपनी सदस्यता छोड़ रहे हैं और इसके बाद वे चुनाव भी लड़े सकते हैं। दवे ने इसके बाद कहा कि आसमान नहीं गिर रहा है कि कांग्रेस सरकार तुरंत चली जानी चाहिए और शिवराज सिंह चौहान की सरकार को जनता पर थोप देना चाहिए।