सुप्रीम कोर्ट पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध को लेकर दायर एक याचिका पर आज सुनवाई की। यह याचिका तेलंगाना फायर वर्क्स डीलर्स एसोसिएशन (टीएफडब्ल्यूडीए) ने तेलंगाना हाईकोर्ट की ओर से 12 नवंबर को जारी फैसले को चुनौती देते हुए दायर की थी। इस आदेश में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से पटाखों की बिक्री और लोगों व संगठनों द्वारा दिवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश में फेरबदल किया और ग्रीन पटाखों की बिक्री और दो घंटे के लिए पटाखे जलाने की अनुमति दे दी। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद के साथ अधिवक्ता प्रणव दिएश, मोहम्मद इब्राहिम, सीएच जयकृष्णा और एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (एएलआर) सोमनाद्री गौड़ कटम डीएफडब्ल्यूडीए की ओर से पेश हुए थे।
इससे पहले काली पूजा के अवसर पर पश्चिम बंगाल में वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी। अदालत ने बुधवार को हाईकोर्ट के आदेश में यह कहते हुए दखल देने से इनकार कर दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीवन बचाना अधिक महत्वपूर्ण है। अदालत ने कहा था कि हालांकि पर्व महत्वपूर्ण हैं लेकिन इस समय महामारी के दौर में जीवन ही खतरे में है।
इससे पहले एक याचिका में दो घंटे पटाखे जलाने की अनुमति देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से ही इनकार कर दिया था। बता दें कि राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, तेलंगाना और दिल्ली सहित कई राज्यों ने कोरोना वायरस महामारी और अन्य संक्रामक बीमारियों को देखते हुए त्योहारों के मौसम में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्य दो घंटे पटाखे जलाने की मंजूरी दे चुके हैं।