प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में दो सालों से लंबित 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला लिया है। शीर्ष कोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के प्रश्न पत्रों को यूजीसी पैनल को न भेजने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। गलत प्रश्न पत्रों को लेकर यह याचिका ऋषभ मिश्रा की तरफ से दाखिल की गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कहा है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की याचिका पर दखल देने से मना किया था।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ खंडपीठ की सिंगल बेंच ने सरकार द्वारा 8 मई 2020 को घोषित परीक्षा परिणाम में कुछ प्रश्नों और उत्तर कुंजी पर भ्रम की स्थिति पाते हुए पूरी चयन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। कहा था कि, प्रश्न पत्रों की जांच के लिए उसे यूजीसी पैनल को भेजा जाए। हालांकि, बाद में इस फैसले पर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के उसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नौ जून को 69000 पदों में से 37,339 पदों को शिक्षा मित्रों के लिए सुरक्षित रखते हुए उक्त पदों को भरने पर रोक का आदेश जारी किया था। 12 जून को सुनवाई के दौरान लखनऊ खंडपीठ ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि 37,339 पदों को छोड़ शेष बचे पदों पर सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है।