डिजिटलीकरण में आ रही तेजी के साथ ऑनलाइन लेन-देन में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। कोरोना काल के दौरान इसमें तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है। लोन लेना हो या फिर भुगतान करना सब कुछ मोबाइल फोन पर एक क्लिक करके हो जाता है। ऐसे में सुरक्षित ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने एडवायजरी जारी की है।
धोखाधड़ी के मामलों पर अंकुश जरूरी
जिस तेजी से मोबाइल फोन के जरिए ऑनलाइन लेन-देन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में विभाग की सबसे बड़ी चिंता यही है बढ़ते डिजिटलीकरण के साथ इसका सहारा लेकर धोखाधड़ी करने वालों पर कैसे अंकुश लगाया जाए।
एडवाइजरी में क्या-क्या खास बातें
दूरसंचार विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि मोबाइल फोन से लेन-देन करते समय किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचें, क्योंकि बैंक कभी भी केवाईसी अपडेट बगैरह के लिए कोई लिंक नहीं भेजते हैं।
गोपनीय डाटा को साझा करने से बचें
इसमें कहा गया है कि लेन-देन करते समय आपके मोबाइल नंबर पर आने वाले ओटीपी और अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के सीवीवी, पिन और अन्य गोपनीय डेटा को किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। यहां तक कि बैंक अधिकारियों से भी नहीं क्योंकि यह जानकारी कभी भी बैंक नहीं मांगता।
डिजिटल पेमेंट कंपनी को करें सत्यापित
विभाग की ओर से सलाह दी गई है कि जब भी किसी रूप में डिजिटल ट्रांजेक्शन से संबंधित किसी तरह का पैसा मांगा जाए, तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। ऐसे में ट्रांजेक्शन से पहले व्यक्ति या कंपनी की साख को सत्यापित करना जरूरी है।
रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन इंस्टॉल न करें
DoT की एडवाइजरी में ऑनलाइन लेन-देन करने वाले यूजर को इस बात के लिए भी आगाह किया गया है कि अपने मोबाइल फोन पर किसी भी प्रकार को कोई रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन इंस्टॉल नहीं करें, क्योंकि ये आपका बड़ा नुकसान कर सकता है।
वाई-फाई का उपयोग करते समय रहें सावधान
एडवाइजरी में लोगों से अज्ञात वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने से बचने का भी आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि किसी भी अनजान नेटवर्क का उपयोग कर ऑनलाइन लेन-देन करने से बचने में ही भलाई है। इसके साथ ही मोबाइल और सोशल मीडिया अकाउंट पर संवेदनशील जानकारी या पासवर्ड को स्टोर नहीं करना चाहिए।