काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान ने अफगानी सेना के अड्डों पर दर्जनों हमले करके तीन दिन पुरानी युद्ध विराम संधि को ही खत्म करने की कगार पर पहुंचा दिया है। अमेरिकी मध्यस्थता से अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच यह संधि कराई गई थी। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने तालिबान के नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से फोन पर बात की। उनकी बातचीत अच्छी रही। तालिबान के प्रवक्ता ने भी बातचीत की पुष्टि की।
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत राहिमी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 16 पर 33 हमले किए हैं। उन्होंने ट्वीट करके बताया कि इन हमलों में छह नागरिक मारे गए हैं और 14 घायल हुए हैं। जबकि दुश्मन सेना के आठ लोग मारे गए हैं और 15 लोग घायल हुए हैं। सरकार ने एक बयान जारी करके बताया कि दक्षिणी कांधार में हुए हमलों में दो सैनिक मारे गए हैं। लोगार प्रांत के गर्वनर के प्रवक्ता दीदार लवांग ने बताया कि काबुल के पास हुए हमले में सुरक्षा बलों के पांच जवान मारे गए हैं।
सवाल उठने लगा कि अमेरिका और तालिबान समझौता आगे जारी रह पाएगा या नहीं
विगत शनिवार को दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते की शुरुआत आगामी दस मार्च से होनी है, लेकिन कैदियों की अदला-बदली को लेकर हुए विवाद से अब यह सवाल उठने लगा है कि यह समझौता आगे जारी रह पाएगा या नहीं। वहीं, अफगान सरकार के एक कर्मचारी नकीबुल्लाह का कहना है कि तालिबान पूरे अफगानिस्तान को बंधक नहीं बना सकता है।
कुरैशी ने पाक राष्ट्रपति से की अपील, कैदियों की अदला-बदली की शर्त छोड़ दें
दूसरी ओर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने एक बयान जारी करके पाकिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी से अपील की है कि वह कैदियों की अदला-बदली की शर्त को छोड़ दें और अमेरिका और तालिबान के शांति समझौते को कायम रहने दें।
अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा- तालिबान से समझौता सशर्त
अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा है कि तालिबान के साथ अमेरिका का समझौता अफगानिस्तान में युद्ध की समाप्ति के लिए राजनीतिक समाधान का पहला कदम है, लेकिन यह सशर्त भी है।
एस्पर ने कहा- हम कदम-दर-कदम इस समझौते की प्रक्रिया की करेंगे समीक्षा
पेंटागन के रिपोर्टरों से एस्पर ने कहा कि हम कदम-दर-कदम इस समझौते की प्रक्रिया की समीक्षा करेंगे। हम अपनी सद्भावना का प्रदर्शन करेंगे, लेकिन अगर परिस्थितियों में बदलाव होता है तो हम इसे किसी भी समय रोके देंगे। गौरतलब है कि तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका ने अगले 140 दिनों में अपने सैनिकों की संख्या 14000 से घटाकर 8600 करने और 14 माह में अफगानिस्तान से सभी सैनिक वापस बुला लेने की घोषणा की है।