बहराइच| तराई का पारा निरंतर लुढ़क रहा है। न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ठिठुरन भरी ठंड से लोग बेहाल हो रहे हैं। बावजूद प्रशासन की ओर से अभी तक ठंड से बचाव को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। कंबल वितरण तो दूर अभी तक खरीदा तक नहीं जा सका है। राहगीरों को ठंड से राहत के लिए अलाव की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में लोग कूड़ा जलाकर ठंड से बचाव कर रहे हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी से तराई में ठंड प्रचंड हो रही है। पछुआ हवाएं चलने से ठिठुरन बढ़ गई है। दोपहर बाद अचानक मौसम का मिजाज बदल रहा है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एमवी सिंह ने बताया कि सुबह धूप निकलने से ठंड से थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन अगले 48 घंटे में मौसम का मिजाज और बदलेगा। न्यूनतम पारा 10 व अधिकतम पारा एक डिग्री लुढ़क कर 22 पहुंच गया है। हालाकि अभी कोहरे के प्रकोप से लोगों को राहत रहेगी। मौसम में बदलाव होने के बाद भी प्रशासन की ओर से ठंड से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। कस्बों व नगरों में तो दूर शहरी क्षेत्रों में भी अलाव के बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। जिसका खामियाजा राह गुजरते लोगों को भुगतना पड रहा है। बजट भरपूर फिर भी अलाव में देरी
शासन की ओर से 10 दिन पहले ही कंबल व अलाव के लिए बजट आवंटित कर दिया गया है। तहसीलों व नगर पालिका परिषद को 50-50 हजार व नगर पंचायतों को 25-25 हजार रुपये अलाव के लिए दिए गए हैं। बावजूद अलाव को लेकर कोई इंतजाम अभी तक नहीं किया गया है। और ठंड का हो रहा इंतजार
तराई का पारा भले ही लुढ़क रहा हो, लेकिन प्रशासन और ठंड बढ़ने का इंतजार कर रहा है। लिहाजा अलाव व कंबल वितरण को लेकर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
अस्थाई रैन बसेरा की कवायद मंद
सीएम ने बेसहारा लोगों को ठंड से निजात दिलाने के लिए अस्थाई रैन बसेरा बनाकर सुविधा देने का फरमान जारी किया है। शहर में तीन जगहों पर अस्थाई रैन बसेरे बनाए गए हैं, लेकिन व्यवस्था के नाम पर यहां कंबल तक नहीं है। एडीएम जयंचद्र पांडेय ने बताया कि अलाव जलाने के निर्देश दिए गए हैं। रैन बसेरों में पर्याप्त कंबल उपलब्ध रखने को कहा गया है।