ताजिया लेकर लौट रहे युवकों की पिटाई और मसौली थाने में महिलाओं से अभद्रता पर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों ग्रामीणों ने शहाबपुर चौराहा पर इक्कठा होकर बाराबंकी-गोंडा हाईवे जामकर कर दो घंटे प्रदर्शन व पथराव किया। इसमें पुलिस की जीप सहित कई वाहनों के शीशे टूट गए। गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। मौके पर कई थानों की पुलिस व पीएसी के साथ एएसपी उत्तरी व सीओ सिटी भी पहुंचे। घंटों की मानमनौव्वल के बाद मामले को शांत किया गया।
मसौली थाना क्षेत्र शहावपुर गांव निवासी अली हुसैन, याकूब व मो. वैस सुरसंडा गांव से मंगलवार की दोपहर ताजिया लेकर लौट रहे थे। युवकों ने बताया कि सुरसंडा रोड पर शहाबपुर चौराहा के पास तैनात सिपाहियों ने उन्हें रोका और पिटाई कर दी। पैसे भी मांगे। मना करने पर सिपाही तीनों युवकों को मसौली थाना पकड़ ले गए। घटना की जानकारी होने पर ग्रामीण मसौली थाना पहुंचे। इनमें महिलाएं थीं। उन्होंने पकड़े गए युवकों को छोड़ने की बात कही तो सिपाहियों ने अभद्रता की। इससे आक्रोशित ग्रामीण गांव लौटे और लोगों को जानकारी दी। इससे लोगों में आक्रोश फैल गया।
शाम सात बजे ग्रामीण लाठी- डंडे ईंट पत्थर हाथ में लेकर शहाबपुर चौराहा पहुंच गए और बाराबंकी-गोंडा हाईवे जाम कर पथराव शुरू कर दिया। हाईवे जाम होने की जानकारी होते ही मसौली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस को देखते ही ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस की जीप सहित कई वाहनों के शीशे टूट गए। वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। मौके पर एएसपी उत्तरी आरएस गौतम, सीओ सिटी, सीओ रामनगर व एसडीएम रामनगर सहित अन्य अधिकारी व पुलिस बल व पीएसी पहुंची, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था। प्रदर्शन करीब दो घंटे चला। काफी मानमनौव्वल के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया।