चौरीचौरा थाने में बुधवार की देर रात पारिवारिक विवाद में हेड कांस्टेबल ने निजी राइफल से बेटे विकास यादव की गोली मारकर हत्या कर दी। गोली चलने की आवाज पर दौड़े साथी सिपाहियों ने आरोपी को हिरासत में लेकर घायल को अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विकास के गले को छेदते हुए गोली पार निकल गई थी।गाजीपुर के बहरियाबाद निवासी हेड कांस्टेबिल अरविंद यादव की दो शादी हुई है। वर्तमान में वह चौरीचौरा थाने के हल्का नंबर तीन में तैनात है और दूसरी पत्नी के साथ कूड़ाघाट में रहता है। पहली पत्नी बच्चों के साथ गाजीपुर में रहती है। बुधवार की रात में 11.30 बजे के करीब पहली पत्नी का 18 वर्षीय बेटा विकास चौरीचौरा थाने पहुंचा। उसे देखते ही अरविंद भगाने लगा। बेटे के विरोध करने पर मारपीट शुरू हो गई।
मामला बढ़ने पर अपनी निजी लाइसेंसी राइफल से अरविंद ने बेटे को गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सिपाहियों ने अरविंद को हिरासत में ले लिया। सीओ चौरीचौरा सुमित शुक्ला ने बताया कि पारिवारिक विवाद में सिपाही ने अपनी निजी राइफल से बेटे को गोली मारी है। विवाद के कारण की जांच चल रही है।
लंबे समय से चल रहा था विवाद
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अरविंद के परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा है, दूसरी शादी करने के साथ ही पहली पत्नी ने नाता तोड़ दिया था। हालांकि जबसे बेटा बड़ा हुआ है वह हक की लड़ाई लड़ने लगा था।
थाने में मची अफरा-तफरी, पुलिस भी उलझी
जिस कदर थाने में अरविंद यादव ने बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी, उसे लेकर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। जानकारी होते ही आला अफसर ने पूछताछ शुरू की तो पुलिस अलग-अलग बयान देने लगी। पहले पुलिस ने यह भी कहा था कि राइफल की सफाई के दौरान गोली लग गई जो बेटे को लगी और मौत हो गई लेकिन थोड़ी ही देर बाद एसएसपी के निर्देश पर पहुंचे सीओ ने जांच की तो मामला हत्या का पाया गया। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में सिपाही को हिरासत में लेकर जांच पड़ताल की जा रही है
पहले भी हो चुकी है थाने में हत्या
80 से 90 के दशक में पहले भी थाने में हत्या हो चुकी है। तत्कालीन एसएसपी सीएल वसन के निर्देश पर तत्कालीन एसओ को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया था। बैंकाक से आये युवक की थाने में हत्या कर जेवरात ले लिए थे और शव को थाने के पीछे छिपा दिया गया था। इस घटना से लोगो की पुरानी याद ताजा हो गयी।