वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान शिंजो आबे को जापान के इतिहास में सबसे ‘महानतम’ प्रधानमंत्री के रूप में सम्मानित किया। 65 वर्षीय अबे ने शुक्रवार को घोषणा की कि खराब स्वास्थ्य के कारण वे अफना पद छोड़ रहे हैं, जहां इसके साथ ही जापान के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ।
राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार रात को अबे को फोन किया, जिस दौरान दोनों नेताओं ने लंबी बात की और अपने रिश्तों पर एक नजर डाली। व्हाइट हाउस ने कॉल के बारे में जानकारी देते हुए बताया, दोनों नेताओं ने कहा कि उनके संबंध विशेष थे, राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री अबे को जापान के इतिहास का सबसे बड़ा प्रधानमंत्री कहा। आबे के इस्तीफे की घोषणा के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहला फोन कॉल था। व्हाइट हाउस के मुताबिक, ‘राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधान मंत्री अबे ने एक शानदार काम किया है और संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के बीच संबंध आज पहले से कहीं बेहतर है।’
बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रपति ने कहा कि वह निस्संदेह जापान के भविष्य में एक बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे और आने वाले वर्षों में वह अद्भुत दोस्ती को जारी रखने के लिए तत्पर हैं। बता दें कि अबे, जिनका कार्यकाल सितंबर 2021 में समाप्त हो रहा था। हालांकि, अब जब कोई नया पार्टी नेता चुने ना जाए और संसद द्वारा औपचारिक रूप से अनुमोदित ना हो जाए, तब तक अबे ही लीडर रहेंगे। शनिवार को विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका-जापान संबंधों को अब तक का सबसे मजबूत बनाने में अबे के योगदान को अमेरिका याद रखेगा।
जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे शिंजो अबे ने अपनी बीमारी की वजह इस्तीफा दे दिया है। इसका एलान उन्होंने पहले ही कर दिया था। अब वहां पर दूसरा पीएम चुना जाएगा। दरअसल, वो अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीडि़त हैं। ये बीमारी आंतों में सूजन से जुड़ी है, जिसको अंग्रेजी में आईबीडी (Inflammatory bowel disease symptoms) कहते हैं।
अबे 52 साल की उम्र में 2006 में जापान के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री बने, लेकिन स्वास्थ्य के कारण उनका पहला कार्यकाल एक साल बाद अचानक समाप्त हो गया। दिसंबर 2012 में, उन्होंने सत्ता में वापसी की। उन्हें जापान की रक्षा भूमिका और क्षमता और अमेरिका के साथ इसके सुरक्षा गठजोड़ का श्रेय दिया जाता है।