लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को सोनभद्र जाने के दौरान भदोही जिले की पुलिस ने भदोही में गिरफ्तार कर लिया गया। बृहस्पतिवार को प्रदेश अध्यछ अजय कुमार लल्लू अपने तीन साथियों के साथ सोनभद्र उम्भा कांड की बरसी में शामिल होने जा रहे थे। इसकी सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित गोपपुर के पास प्रदेश अध्यक्ष के वाहन को रोक लिया और इसके बाद पुलिस ने उन्हें गेस्ट हाउस में घंटों रोकने के बाद सीतामढ़ी गेस्ट हाउस लेकर चली गई। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हैं।
भदोही के सीतामढ़ी गेस्ट हाउस पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह लल्लू ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज है। कांग्रेसियों को प्रदेश सरकार झूठे मुकदमें में फंसा रही है। आरोप लगाया कि सोनभद्र के ऊभ्भा कांड के आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने सोनभद्र जा रहा था। जहां वह पिछले साल 17 जुलाई को हुए नरसंहार में 11 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में माफिया राज हो गया है। आज जितनी पुलिस हमको रोकने में लगी है, उतनी ही माफिया के पीछे लग जाए तो शायद प्रदेश से जंगलराज समाप्त हो जाए। मेरी पार्टी के कई बड़े नेताओं समेत स्वयं मुझे भी एक महीने तक जेल में रखा गया, लेकिन न ही मेरी पार्टी और न ही मैं डरने वाला हूं।
लल्लू ने कहा कि दलित-आदिवासियों पर हमला करने वाली भाजपा सरकार उनके अधिकारों की लड़ाई से इतना डरती क्यों है। कांग्रेस ने नरसंहार के दौरान भी उनके खिलाफ अत्याचार को जोर-शोर से उठाया था। जब पिछले वर्ष 17 जुलाई को ऊभ्भा कांड हुआ था तो प्रदेश सरकार ने आदिवासियों के लिए बड़े दावे किये थे लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो आदिवासियों को जमीन दी गयी और न ही आवास और अन्य सुविधाएं। प्रदेश सरकार दलित और आदिवासी विरोधी है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा, कि हम उभ्भा के नरसंहार में मृत आदिवासियों की स्मृति में पीडि़तों से मिलने जा रहे थे। इसके बाद भी हमको भारी पुलिस बल ने रास्ते में रोक कर गिरफ्तार कर लिया है। यह तो लोकतंत्र के खिलाफ है। उत्तर प्रदेश सरकार हताश होकर तानाशाही पर उतर आई है। वर्तमान सरकार, जिसका लोकतंत्र पर भरोसा नहीं, उसके हर गलत कार्यों का विरोध करता था और करता रहूंगा। वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कुमार सिंह को मिर्जापुर जिले के अदलाहट में पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान वह अदलाहट टोल प्लाजा पर धरने पर बैठ गए। जहां उनके साथ कार्यकर्ता भी सड़क पर बैठे हैं।
पिछले साल 16 जुलाई को उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में 11 आदिवासियों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रधान सहित अभी तक 67 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास सहित एससी/एसटी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज है। जमीन पर कब्जे को लेकर हुई इस हत्या में मुख्य आरोपी मूर्तिया ग्राम पंचायत के प्रधान यज्ञदत्त सहित कुल 78 लोगों पर मुकदमा दर्ज था। जिसमें से 67 आरोपी गिरफ्तार हैं।