नॉर्डिक देशों ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन देने की बात कही है। जबकि नॉर्वे और फिनलैंड UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते रहे हैं। डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन जैसे नॉर्डिक देशों ने भी नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर समर्थन की पुष्टि की है।
नॉर्डिक देशों ने वैश्विक चुनौतियों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित करने के मकसद से इन संस्थानों को अधिक समावेशी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र के सुधार की दिशा में काम किए जाने की जरूरत है ताकि इसे और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सके।
भारत UNSC में स्थायी सीट के लिए एक दशक से अधिक से जोर दे रहा है, लेकिन चीन सबसे बड़ी बाधा रहा है। हालांकि नॉर्डिक देशों के समर्थन से भारत की उम्मीदें जगी हैं। UNSC का मसला नॉर्वे की विदेश मंत्री एनिकेन हुइटफेल्ड और विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर के बीच हुई चर्चा में भी उठा जब वह रायसीना डायलॉग के लिए दिल्ली पहुंचीं थी।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि UNSC को लेकर भारत की स्थायी सदस्यता के लिए उनका समर्थन पीएम मोदी की डेनमार्क यात्रा से सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। पीएम मोदी ने भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन से पहले नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन, डेनमार्क और आइसलैंड के अपने समकक्षों से अलग-अलग मुलाकात की और इन देशों ने UNSC में भारत की सदस्यता को समर्थन दिया है।