लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी (अति पिछड़े) जिलों के कायाकल्प के लिए चल रहे कार्यों पर अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल खुद नजर रखेंगी। अब तक हुए कार्यों का प्रस्तुतीकरण देखने के बाद उन्होंने कहा कि सभी आठ जिलों में वह दो-दो दिन का प्रवास कर कार्यों की निगरानी और समीक्षा करेंगी। जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें एक-एक क्षेत्र में हुए कार्य का ब्योरा देते हुए बताया कि देश में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है तो राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि यूपी नंबर एक पर हो। नंबर एक और दो में इतना अंदर हो, जो पूरा ही न हो सके।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने गुरुवार को लोकभवन में अति पिछड़े आठ जिलों में छह सूचकांक पर हो रहे कार्यों की समीक्षा की। शिक्षा और स्वास्थ्य पर राज्यपाल ने खास जोर दिया। उन्होंने कहा कि दो फरवरी 2020 से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आरोग्य मेले आयोजित करें। वहीं, स्कूल चलो अभियान के तहत प्रवेश देने के लिए सत्र से पहले ही सर्वे कर लिया जाए। ड्रॉपआउट रेट की निगरानी शिक्षक करें। ऐसे बच्चों को वापस स्कूल लाया जाए। राज्यपाल ने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फतेहपुर के किसान ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं। उन्हें बाजार उपलब्ध कराएं।
राज्यपाल को बताया गया कि अति पिछड़े जिलों में प्रदेश के आठ जिले शामिल हैं। इनकी स्थिति सुधारने के लिए निर्धारित छह सूचकांक के तहत अच्छा कार्य किया गया है। इसके चलते ही प्रदेश दूसरे स्थान पर है। योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेटा फीडिंग समय से करें। वहीं, प्रमुख सचिव और सचिव अपने-अपने विभागों के कार्यों की समीक्षा हर पखवाड़े करें।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को छह सूचकांक के तहत अब तक हुए कार्यों का ब्योरा भी दिया। वहीं, राज्यपाल के प्रस्तावित प्रवास का कार्यक्रम 15 जनवरी के बाद से निर्धारित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। महत्वाकांक्षी जनपदों के रूपांतरण कार्यक्रम के संबंध में ‘मध्यावधि प्रास्थिति’ पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल और सचिव संजय प्रसाद भी उपस्थित थे।