यूपी के ताकतवर खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के गुनाहों पर सजा का फैसला आज हो जाएगा। सामूहिक दुराचार और पाक्सो एक्ट के तहत एमपी/ एमएलए कोर्ट आज उन्हें सजा सुनाएगी। 10 नवम्बर को कोर्ट ने प्रजापति और उनके दो साथियों को दोषी करार देते हुए सजा के लिए आज की तारीख मुकर्रर कर दी थी।
भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अनुसार सामूहिक दुराचार में अधिकतम 20 वर्ष एवं पाक्सो एक्ट के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है। इस मामले में अदालत ने गायत्री प्रजापति,अशोक तिवारी एवं आशीष कुमार शुक्ला को महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने के अलावा नाबालिग बेटी से दुराचार करने के प्रयास का दोषी पाया था।
प्रयास के बावजूद भी जेल से बाहर नहीं आ सके गायत्री
गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ-साथ विकास वर्मा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने अप्रैल 2017 में तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश ओपी मिश्रा के समक्ष जमानत आवेदन किया था जहां पर अदालत ने तीनों अभियुक्तों को जमानत दे दी थी। इस पर राज्य सरकार ने जमानत निरस्त करने केलिए उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष आवेदन किया गया।
सामूहिक दुष्कर्म में बरी पिंटू समेत चार लोग रिहा
सामूहिक दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के साथ जिला जेल में बन्द अन्य चार सह आरोपियों को गुरुवार की रात जेल से रिहा कर दिया गया।अदालत ने बुधवार को इन्हें बरी कर दिया था। यह सभी गायत्री के साथ वर्ष 2017 से जिला जेल में बन्द थे। सामूहिक दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट में शुक्रवार को अदालत ने पूर्व मंत्री गायत्री, अशोक तिवारी और आशीष को दोषी करार दिया था। जबकि अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, विकास वर्मा, चंद्रपाल एवं रूपेश को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था।