लखनऊ। प्रदेश में कोरोना की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या 4,000 के पर पहुंच गई है। अब तक 4140 लोगों में कोरोनो की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 2,327 मरीज इलाज के बाद स्वस्थ भी हो चुके हैं। इस महामारी से यूपी में अब तक 95 लोगों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के साथ प्रेस कांफ्रेंस में दी। प्रमुख सचिव ने बताया कि 5612 लोगों के सैंपलों की जांच की जा चुकी है। जबकि 420 पूल टेस्ट हुए हैं।
अमित मोहन ने प्रदेश की जनता से प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करने की अपील की है। कहा कि इस महामारी का अभी तक न तो कोई समुचित इलाज खोजा जा सका है और न ही वैक्सीन तैयार की जा सकी है। इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र बेहतर उपाय है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा, यदि डाक्टर या विशेषज्ञ किसी व्यक्ति को जांच की सलाह देते हैं तो उसे जांच करवा लेनी चाहिए। यह सुविधा हर नजदीकी अस्पताल में उपलब्ध है। संक्रमण होने पर जांच और उपचार की व्यवस्था सरकार द्वारा निःशुल्क की जाएगी।
कहा कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है। अधिकांश लोग अस्पताल से ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 1800 180 5145 पर कोई भी व्यक्ति फोन कर अपनी जानकारी दे सकता है। यदि किसी में खांसी, बुखार या सांस फूलने जैसे लक्षण हैं तो तत्काल इस नम्बर पर काॅल करें। विशेषज्ञ बताएंगे कि आपको घर में ही आराम करना है या फिर अस्पताल जाकर जांच करवानी है।
प्रवासी श्रमिक निर्देशों का ईमानदारी से करें पालन
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि लक्षणरहित प्रवासी श्रमिकों के लिए 21 दिनों के होम क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। यदि उनमें कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उनकी जांच कराई जाती है, संक्रमित होने पर उन्हें अस्पताल में रखकर उनकी चिकित्सा की जाती है। यदि किसी प्रवासी श्रमिक में महामारी की पुष्टि नहीं होती है तब भी उसे 7 दिन तक क्वांटाइन किया जाता है। दोबार जांच में भी यदि उसमें कोरोना के लक्षण नहीं मिलते हैं तो उसे 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन के लिए भेज दिया जाता है।
ग्राम निगरानी समितियां मजबूती से करें काम
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने ग्राम निगरानी समितियों से अपील की है कि वह अपना काम मजबूती से करें। जो लोग होम क्वारंटाइन हैं, वह अपने घर वालों से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखें। सभी लोग घर से बाहर निकलने पर शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन करें।
दोपहिया वाहन पर दो लोग न चलें
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि दोपहिया वाहन पर दो लोगों के सवार होने पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार में 250 रुपये, दूसरी बार में 500, तीसरी बार में 1000 व उसके बाद लाइसेंस के निलंबन की कार्यवाही हो सकती है। कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अनुमति लेकर यदि कोई गाड़ी चलाना नहीं जानता है तो 2 लोग सवार हो सकते हैं।