लखनऊ । उत्तर प्रदेश में दोबारा कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए शनिवार से फिर पूरे राज्य में फोकस टेस्टिंग शुरू की जाएगी। कोरोना जांच के लिए बाजारों में दुकानों में काम कर रहे कर्मियों, मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों, जेलों व वृद्धाश्रम में रहने वाले लोगों के सैंपल लिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने 15 दिनों तक चलने वाले फोकस टेस्टिंग अभियान की तैयारी पूरी कर ली है। बीते महीने फरवरी में भी फोकस टेस्टिंग अभियान चलाया गया था।
उत्तर प्रदेश में होली के त्योहार को देखते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए शनिवार से फोकस टेस्टिंग की जाएगी। यह विशेष अभियान 27 मार्च तक चलाया जाएगा। समुदाय स्तर पर संक्रमण का पता लगाने के लिए फोकस टेस्टिंग का सहारा लिया जा रहा है। इस दौरान दुकानों और शॉपिंग मॉल में काम करने वाले कर्मचारियों, खरीददारी करने वाले लोगों, पटरी दुकानदारों के नमूने लिए जाएंगे। कोरोना संक्रमित व्यक्तियों का पता लगाकर उनको क्वारंटीन किया जाएगा। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों की जांच होगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के साथ-साथ कांटैक्ट ट्रेसिंग पर भी जोर दिया जाएगा। लोगों के घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी कोरोना के बारे में सर्तक करेंगे और लक्षण वाले रोगियों की जांच कराएंगे। उधर, मार्च में प्रतिदिन किए जा रहे टेस्ट की रफ्तार धीमी है। फरवरी में प्रत्येक दिन कभी भी एक लाख से कम टेस्ट नहीं हुए और अधिकतम 1.40 लाख तक लोगों की जांच हुई। वहीं मार्च में एक दिन में अधिकतम 1.18 लाख लोगों का कोरोना टेस्ट हुआ है। शुक्रवार को 90 हजार और आठ मार्च को जांच के लिए 83 हजार सैंपल ही लिए गए थे। फिलहाल अब फोकस टेस्टिंग के साथ-साथ प्रतिदिन होने वाली जांच को भी बढ़ाया जाएगा।