लखनऊ। कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में इस वर्ष राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं होंगी। सभी विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा। परीक्षाओं के आयोजन को लेकर मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तनेजा की अध्यक्षता में गठित समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी दी है।
सरकार ने परीक्षाएं नहीं कराने के समिति के सुझाव को सैद्धांतिक रूप से मान लिया है, लेकिन सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान प्रोन्नति का फॉर्मूला तय करने को कहा है। प्रदेश में 18 राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के 48 लाख से अधिक विद्यार्थियों पर इसका असर होगा।
उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट के दौरान विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के आयोजन के लिए मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की थी।
समिति ने अपनी रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को सौंप दी, और इस साल विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं कराने, सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के ही प्रोन्नत किए जाने का सुझाव दिया।
समिति का मानना है कि देश व प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय की परीक्षाएं सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से कराया जाना संभव नहीं है। परीक्षाएं आयोजित कराने से शिक्षकों और विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा रहेगा।
समिति ने दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर यूपी में भी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं कराने और विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रोन्नत करने का सुझाव दिया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का फॉर्मूला भी दिया है।