कहा, प्रवासी मजदूर पैदल चलते-चलते मर गए औ 70 हजार बसें खड़ी रह गईं
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी भोली-भाली जनता को भावानात्मक मुद्दों पर फंसा लेती है। भाजपा ने देश व प्रदेश के गरीबों, किसानों और मजदूरों को जो सपना दिखाया था, वह टूट चुका है। भाजपा ने जनता को भरोसा तोड़ा है। शनिवार को मीडिया में जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के बेड़े में 70 हजार से ज्यादा बसें थी, लेकिन लाॅकडाउन में मजदूर पैदल चलते-चलते मर गए और बसें कहीं नहीं दिखीं।
अखिलेश ने कहा, यूपी सरकार चाहती तो यूपी नहीं झारखंड बिहार और इधर से गुजरने वाले अन्य राज्यों के मजदूर को भी पैदल न चलना पड़ता। कहा कि गरीब भूखों मर गए। किसान बर्बाद हो रहे हैं। किसानों को गेहूं का मूल्य नहीं मिला। गन्ना किसानों का बकाया नहीं मिल रहा है। भाजपा ने अच्छे दिन के जो सपने दिखाए थे वह पिछले 6 सालों में क्या पूरे हुए? बीजेपी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही खराब थी। लेकिन कोविड-19 महामारी आने के बाद तो अर्थव्यवस्था बद से बदतर हो गयी है। ऐसी स्थिति में लोगों को रोजगार कहां से मिलेगा?
लाॅकडाउन के बावजूद बीमारी कम नहीं हुई
अखिलेश ने कहा, लाॅकडाउन के बावजूद बीमारी कम नहीं हुई। संक्रमण बढ़ता गया। अर्थव्यवस्था भी बर्बाद हो गई। अब ऐसे में सरकार को एक्सपर्ट की राय देकर इस बारे में विचार करना चाहिए। जिससे बीमारी भी रुके और व्यापार भी चले, अर्थव्यवस्था में सुधार हो।
अखिलेश ने कहा, सीएम योगी का निर्णय गलत
सपा मुखिया ने कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के सम्बंध में जो फैसला लिया है वह गलत है। श्रमिकों के लिए कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए वह देश की किसी राज्य में अगर जाकर काम करना चाहते हैं तो उसकी आजादी संविधान ने दी है। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए। कहा कि जब यूपी सरकार के पास एक एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज का विभाग था तो नया आयोग बनाने की क्या जरूरत है? इसमें कोई नया आयोग बनाने की नहीं बल्कि लोगों को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार देने की जरूरत है।
प्रदेश में क्वाॅरंटाइन सेंटरों की स्थिति खराब
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, सपा के कार्यकर्ता लगातार गरीबों की मदद करने में जुटे हुए हैं। लेकिन सरकार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रही है। कहा कि प्रदेश में क्वाॅरंटाइन सेंटरों की स्थिति बहुत खराब है। उनके साथ वहां भेदभाव हो रहा है। सरकार ना उन्हें मास्क दे रही है और न ही सैनिटाइजर दे रही है। पिछले 2 महीने गुजर गए मुख्यमंत्री जी ने 55 करोड़ मास्क बांटने के लिए कहा था। उनकी घोषणा का क्या हुआ? अखिलेश ने कहा कि आज जिन अस्पतालों में इलाज हो रहा है वह सब समाजवादी सरकार में बने हैं। भाजपा की सरकार में मुख्यमंत्री ने अस्पतालों के काम रोक दिए।