लखनऊ। उत्तर प्रदेश कोचिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा से मुलाकात कर अपनी कई समस्याओं का निदान कराने की अपील की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सिंह, महासचिव डाॅ. राजेश शुक्ल, प्रवक्ता डाॅ. देव व्रत मिश्र एवं अन्य सदस्यों ने विधान भवन स्थित कार्यालय में उपमुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगें रखीं। पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले 4 महीने से सभी कोचिंग संस्थान बंद हैं। जिसके चलते किसी तरह की आय भी नहीं हो रही है। लेकिन मकान मालिक किराया देने के लिए दबाव बना रहे हैं। अन्यथा की स्थिति में मकान खाली करने के लिए कह रहे हैं।
पदाधिकारियों ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद से ही कोचिंग संस्थान बंद हैं। जिसके चलते कोचिंग संस्थानों का बिजली उपभोग भी लगभग शून्य रहा। लेकिन इसके बावजूद बिजली विभाग ने मार्च से लेकर 30 जून तक के विद्युत फिक्स्ड चार्ज के रूप में भारी धनराशि जमा करने का आदेश दिया है। मार्च से ही किसी तरह की आय न होने के कारण कोचिंग संस्थाएं न तो यह धनराशि चुका पाने में सक्षम हैं और न ही यह उचित है।
पदाधिकारियों ने कहा, वर्तमान हालात में कोचिंग संस्थाओं का भविष्य खतरे में है। इसलिए इन्हें तत्काल सरकारी मदद की आवश्यकता है। कहा कि देश का शायद ही कोई ऐसा वर्ग होगा, जिसको किसी न किसी रूप में सरकारी अनुदान या सहायता न दी गई हो, लेकिन राष्ट्र-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले, उच्चशिक्षा प्राप्त एवं सरकारी रोजगार से वंचित, इन स्ववित्तपोषित शिक्षा-उद्यमियों के साथ यह भेदभाव क्यों?
पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री से मांग की कि कोरोना संक्रमण के लिए जारी गाइडलाइन्स का पालन कराते हुए सरकार जुलाई माह से कोचिंग संस्थाओं को खोलने की अनुमति प्रदान करे। ताकि कोचिंग संचालकों व शिक्षकों के जीवन में आई निराशा को खत्म किया जा सके। पदाधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री से वादा करते हुए कहा, सभी कोचिंग संस्थान कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए जारी किए गए सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन करेंगे। पदाधिकारियों की बातें सुनने के बाद उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने आश्वत किया कि कोचिंग संस्थाओं की समस्याओं और मांगों पर सरकार विचार करेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि वह उनकी समस्याएं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाएंगे।