बलरामपुर। उतरौला तहसील में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं ने शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का विरोध किया। पोर्टिको में चल रहे क्रमिक अनशन के कारण तहसील सभागार में अधिकारियों के जाने के लिए पिछला दरवाजा खोलना पड़ा। सीओ उदयराज के नेतृत्व में चार थानों के प्रभारी निरीक्षक फोर्स के साथ हर वकील के काउंटरों पर मौजूद रहे। सुबह 11 बजे जिलाधिकारी श्रुति व पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना के पहुंचते ही अधिवक्ता आक्रोशित होकर नारेबाजी करने लगे।
उतरौला के अधिवक्ता तहसीलदार व व उनके पेशकार को हटाने की मांग पर अड़े हैं। अपनी मांग के समर्थन में अधिवक्ता पिछले 20 दिनों से क्रमिक अनशन कर रहे हैं। एक बार चक्का जाम भी किया है। वकीलों ने अपनी मांग के समर्थन में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस के बहिष्कार का निर्णय लिया था। एसडीएम ने लेखपालों को जिम्मेदारी दी थी कि वह शिकायत कर्ताओं का प्रार्थना पत्र लिखकर उन्हें सहयोग करें। लेखपालों के प्रार्थना पत्र लिखने पर अधिवक्ताओं ने गाली-गलौच व हाथापाई की। इससे नाराज लेखपाल भी धरना प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने सुरक्षा घेरे के बीच पिछले गेट से डीएम श्रुति व एसपी आदि अधिकारियों को सभागार में पहुंचा दिया। अधिवक्ताओं ने हाथापाई व गालीगलौज कर लेखपालों को कांउटरों से भगा दिया। अधिवक्ताओं व लेखपालों ने एक-दूसरे के खिलाफ अमर्यादित नारेबाजी व गालीगलौज शुरू कर दी। बीचबचाव कराने आए एसडीएम संतोष ओझा को भी वकीलों व लेखपालों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। उधर, लेखपालों के समर्थन में राजस्व निरीक्षक, कलेक्ट्रेट कर्मी व राजस्व अमीन भी धरने पर बैठ गए। उधर अधिवक्ताओं व राजस्व कर्मियों के धरना प्रदर्शन के कारण संपूर्ण समाधान दिवस पूरी तरह प्रभावित है। यहां आने वाले फरियादियों को अधिकारियों से अपनी शिकायत करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।