भदोही । कालीन निर्यातकों ने वाराणसी के साड़ी उद्योग की तर्ज पर कालीन उद्योग को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने की मांग उठाई है। ऊर्जा प्रबंधन से हरी झंडी मिलने के बाद पिछले दिनों जिलाधिकारी की अध्यक्षता में रिवैंप डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर स्कीम के तहत हुई बैठक के दौरान निर्यातकों ने यह मामला उठाया था जिस पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाते हुए प्रस्ताव बनाकर भेजने की बात कही थी। अखिल भारतीय कालीन निर्माता (एकमा) प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे ऊर्जा मंत्री व विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक को प्रेषित किया जाएगा। निर्यातकों का कहना है कि लघु उद्योगों के विकास को लेकर सरकार की सकारात्मक मंशा को देखते हुए उद्योग हित में मांग उठाई जा रही है।
पांच हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले भदोही जनपद में बिजली आपूर्ति की हालत बेहद खराब है। रोस्टर के अनुसार 20 घंटे आपूर्ति का प्रविधान है लेकिन 12 से 15 घंटे बिजली मिल रही है। ऐसे में विद्युत आधारित कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कटौती होने पर लोग जेनरेटर चलाकर काम करने को विवश हो रहे हैं। भदोही को औद्योगिक बिजली उपलब्ध कराने की मांग लंबे समय से की जा रही है लेकिन जनप्रतिनिधियों का सहयोग न मिलने के कारण सरकार मांग पर गौर नहीं कर रही है। पिछले दिनों रिवैम्प डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर स्कीम के तहत जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में विद्युत विभाग की ओर से आयोजित बैठक में निर्यातकों द्वारा रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने सहित कई मांगें रखी गई थीं। बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने को कहा था।
भदोही में हैंडलूम कालीन उत्पादन बड़ी संख्या में होने लगा है। ऐसे में वाराणसी के साड़ी (पावरलूम) व्यवसायियों की तरह हैंडलूम कालीन उत्पादकों को भी रियायती दर पर बिजली मिलनी चाहिए, ताकि कोरोना काल में प्रभावित उद्योग को पटरी पर लाने में मदद मिले। एकमा ने प्रस्ताव तैयार कर ऊर्जा मंत्री सहित विभाग के प्रबंध निदेशक को भेजा जा रहा है।