अक्सर यह देखने को मिलता है कि व्यक्ति मेहनत तो खूब करता है लेकिन उसे उसका सही फल प्राप्त नहीं होता। सफलता की जगह उसके हाथ में असफलता आती है। अचानक ही उसके सुख-समृद्धि में अड़चने और परेशानियां आने लगती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा होना आपके घर पर वास्तु दोष के होने का संकेत है। ऐसे में वास्तु में कुछ उपाय बताएं गए हैं जिसे करने पर आप अपनी इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
स्वास्तिक को वास्तु में बहुत शुभ और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला प्रतीक माना गया है। मुख्यद्वार के ऊपर हनुमान जी के चरणों का सिंदूर लेकर नौ अंगुल लंबा नौ अंगुल चौड़ा स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और जहां पर भी वास्तु दोष है वहां इस चिन्ह का निर्माण करें वास्तुदोष दूर होकर सुख-समृद्धि का वास होगा।
घर के मुख्य गेट से सभी सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रवेश होता है। ऐसे में इस दोष को दूर करने के लिए शंख, सीप, कौड़ी लाल कपड़े में बांधकर दरवाजे पर लटकायें। मुख्य द्वार को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
वास्तु में बताया है कि घोड़े की नाल लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती हैं। यदि आपके घर का मुख्यद्वार उत्तर या पश्चिम दिशा में है तो घर के द्वार पर घोड़े की लोहे वाली नाल लगायें। लेकिन नाल अपने आप गिरी होनी चाहिए।
तुलसी में सभी प्रकार के कीटाणुओं और नकारात्मक शक्तियों को दूर भगाने का अद्भुत सामर्थ्य है। घर के सभी प्रकार के वास्तु दोष दूर करने के लिए मुख्य द्वार पर एक ओर केले का वृक्ष और दूसरी ओर तुलसी का पौधा गमले में लगायें। घर के ब्रह्मस्थान में भी तुलसी का पौधा रखने से समस्त वास्तुजनित दोष दूर होते हैं।
वास्तुदोष के कारण यदि घर में किसी सदस्य को रात में नींद नहीं आती या स्वभाव चिडचिडा रहता हो, तो उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके शयन कराएं, इससे उसके स्वभाव में बदलाव होगा और अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा।
घर में सकरात्मक ऊर्जा के संचार के लिए मुख्य द्वार के दोनों तरफ हल्दी से शुभ-लाभ लिखने से फायदा होगा। या फिर हल्दी को जल में घोलकर एक पान के पत्ते की सहायता से अपने सम्पूर्ण घर में छिड़काव करें इससे घर में लक्ष्मी का वास तथा घर में शांति भी बनी रहती है।
अपने घर के मन्दिर में घी का एक दीपक नियमित रूप से सुबह-शाम जलाएं तथा शंख की ध्वनि दिन में दो बार सुबह और शाम के समय करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर निकलती है।