सैन फ्रांसिस्को । चीन (China) के उत्तर-पूर्वी शिनजियांग प्रांत में रह रहे अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों (Uighur Muslims) पर सख्ती के लिए वहां की कम्युनिस्ट सरकार हमेशा ही तरह-तरह के हथकंडे अपनाती रहती है। अब विदेश में रहे उइगरों को भी निशाना बनाया जा रहा है। सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ और खुफिया अधिकारियों का कहना है कि उइगरों की कड़ी निगरानी के लिए सरकार हैकर्स की मदद ले रही है। इसके लिए भारी मात्रा में धन व संसाधन खर्च किए गए हैं।
पिछले तीन साल में सरकार समर्थित हैकर्स की टीम के काम के तरीके में भी काफी बदलाव आया है। उन्होंने नई तकनीक विकसित की हैं, जिसके जरिये वह आइफोन और एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर को भी हैक कर रहे हैं। गूगल से जुड़े शोधकर्ता ने आइफोन पर हुए हमले का पता लगाया है। उनके मुताबिक हमले का मुख्य निशाना चीन के साथ-साथ अन्य देशों में रह रहे उइगर मुसलमान ही बन रहे हैं।
हैकिंग के लिए आइफोन की खामी का इस्तेमाल
उन्होंने यह भी बताया कि हैकिंग के लिए आइफोन की जिस खामी का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसकी कीमत काले बाजार में कई करोड़ में होगी। वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज से जुड़ी पूर्व अधिकारी जेम्स लुईस ने कहा, ‘चीन पहले अपने देश के नागरिकों के खिलाफ सारी ताकतों का इस्तेमाल कर रहा था, क्योंकि वह उनसे ही डरा हुआ है। अब वह विदेशियों की निगरानी के लिए हथकंडे अपना रहा है।’
उइगरों को हिरासत केंद्रों में रखा गया
बता दें कि शिनजियांग प्रांत में हजारों उइगरों को हिरासत केंद्रों में रखा गया है। कई रिपोर्ट में उनके मानवाधिकार उल्लंघन की बात भी सामने आ चुकी है। हालांकि, चीन इससे इन्कार करता है। उसके अनुसार, वह हिरासती केंद्र नहीं, बल्कि प्रशिक्षण कैंप हैं, जो कट्टरपंथ पर काबू पाने के लिए जरूरी हैं