सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को अदालत की अवमानना करने के लिए तीन महीने की कारावास की सजा सुनाई है। दरअसल, व्यक्ति ने अदालत के आदेश के बावजूद पत्नी को 1.75 लाख मासिक मिलने वाला गुजारा भत्ता 2.60 करोड़ बकाया नहीं चुकाने पर जेल भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पति को पत्नी के भरण-पोषण के लिए दिए जाने वाले खर्च के भुगतान के लिए पहले ही बहुत लंबा वक्त दिया गया, लेकिन उस वक्त रहते गुजारा भत्ता का बकाया नहीं चुकाया।
इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने फैसला सुनाया। पीठ ने कहा, हमने प्रतिवादी को पहले ही लंबा वक्त दिया, लेकिन प्रतिवादी (पति) ने दिए गए मौके का लाभ नहीं उठाया। अदालत की अवमानना करने के लिए प्रतिवादी को तीन माह की जेल की सजा दी जाती है।