लखनऊ। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व धर्म परिवर्तन कर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर पत्नी से मारपीट की। वहीं उनके यतीमखाने में आवंटित आवास पर ताला बंद कर दिया। इस मामले मे आरोप है कि सआदतगंज थाने में तैनात दरोगा आरोपियों की मदद कर रहा है। उसकी मिली भगत से ही वारदात को अंजाम दिया गया है।
जेल में बंद वसीम रिजवी की पत्नी फरहा फातिमा पत्नी के मुताबिक शुक्रवार को शाम 5.30 बजे के आसपास घर में कुछ काम चल रहा था। जिसमें मेरी ममेरी बहन निदा फातिमा व अन्य लोगों के साथ घर में कुछ काम करवा रही थी। तभी अचानक कुछ लोग घर मे घुस आए। इन लोगों ने मेरी ममेरी बहन निदा का काम करने वाले बढ़ई से गाली-गलौज करने लगे। मेरी बहन ने इसकी सूचना मुझे दी। मैंने तुरन्त थाना सआदतगंज को कॉल कर सूचना दी। इसके बाद घर गई। मेरे साथ में मेरी छोटी बहन अमरीन व भाभी उजमा बानो भी पहुंची। वहां पहुंचते ही आरोपी मेरे साथ भी हाथापाई व गाली-गलौज करने लगे। वहां मौजूद दरोगा जैदी खड़े मूकदर्शक बने देखते रहे और मैं मिन्नतें करती रही। दरोगा ने जबरन मुझसे मेरे घर की चाबी ले ली और हम सबको घर से निकाल बाहर कर दिया।
प्रभारी निरीक्षक सआदतगंज बृजेश कुमार यादव के मुताबिक वसीम रिजवी के चेयरमैन रहते हुए यतीमखाने का एक मकान उनके रिश्तेदार के नाम से आवंटित हुआ था। उनका आवंटन रद्द करके वफ्फ ने यह मकान अब किसी और को आवंटित कर दिया है। जिसे आवंटन हुआ वह शुक्रवार को कब्जा लेने पहुंचा था। वसीम की पत्नी इसका विरोध कर रही थी। इसी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई थी।